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कृषि क्षेत्र को हरसंभव सहयोग की जरूरत : उपराष्ट्रपति नायडू

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मोतिहारी, 7 नवम्बर। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कृषि क्षेत्र को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आह्वान करते हुए आज कहा कि यह न केवल अर्थव्यवस्था की रीढ़ है बल्कि हमारी संस्कृति भी है। नायडू ने रविवार को पूर्वी चंपारण जिले के पिपराकोठी में राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (आरपीसीएयू) के दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “कृषि देश की अर्थव्यवस्था का सबसे मजबूत स्तंभ है। कृषि न केवल अर्थव्यवस्था की रीढ़ बल्कि यह हमारी संस्कृति भी है। यह जानकर खुशी हुई कि आरपीसीएयू अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित कर रहा है। यह कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अत्यधिक आवश्यक है।”

नायडू ने कहा कि ऐसे नए क्षेत्रों में पर्यटन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जहां लोगों को कृषि में नवीनतम विकास के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी मिलने के साथ ही वनस्पतियों, जीवों, प्राकृतिक सुंदरता की भी झलक मिल सके। सतत विकास के लिए सामाजिक और पारिस्थितिक घटकों को ध्यान में रखते हुए कृषि क्षेत्र की विशाल क्षमता का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान रिवर्स माइग्रेशन की प्रवृत्ति देखी गई, ऐसे में कृषि क्षेत्र लोगों को रोजगार प्रदान करने में सहायक हो सकता है।

उपराष्ट्रपति ने छात्रों और अन्य कृषि विशेषज्ञों से बिहार और देश के अन्य हिस्सों में अधिक से अधिक पंचायतों तक पहुंचने का आह्वान किया और कहा कि उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीकों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण होने वाले छात्रों के स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

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