नई दिल्ली, 26 जनवरी। देशभर मे बुधवार को धूमधाम से 73वां गणतंत्र दिवस मनाया गया। मुख्य समारोह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राजपथ पर आयोजित किया गया। इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह का विशेष महत्व है क्योंकि देश स्वतंत्रता के 75वें वर्ष को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है।
भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता के दर्शन
रक्षा मंत्रालय ने इस अवसर पर राजपथ पर परेड के दौरान नए कार्यक्रमों की श्रृंखला तैयार की। समाज के उन वर्गों को अवसर देने के लिए विशेष प्रबंध किए गए, जो आमतौर पर परेड नहीं देख पाते। इनमें ऑटो रिक्शा ड्राइवर, मजदूर, सफाई कर्मचारी और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों को परेड देखने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत इस वर्ष राजपथ
सेना के तीन अंगों सहित 16 दस्तों ने की भागीदारी
इस वर्ष परेड पूर्वाह्न 10 बजे के स्थान पर साढ़े 10 बजे शुरू हुई। परेड रायसीना हिल्स से शुरू होकर राजपथ, इंडिया गेट से होते हुए नेशनल स्टेडियम तक गई जबकि राज्यों, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की झांकियां लाल किले तक ले जाई गईं। परेड में सेना के जवान वर्ष 1950 से लेकर आज तक सैनिकों द्वारा पहनी गई विभिन्न वर्दियों में कदम-ताल करते दिखाई दिए। परेड में कुल 16 दस्तों ने भाग लिया। इनमें सेना के छह, नौसेना और वायु सेना के एक-एक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के चार, दिल्ली पुलिस का एक, एनसीसी के दो और एनएसएस का एक दस्ता शामिल हैं।
परेड का हिस्सा बनीं राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 12 झाकियां
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 12 झाकियां और मंत्रालयों और विभागों की 9 झांकियां गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनीं। इनमें महाराष्ट्र की जैव विविधता, गोवा की विरासत, कर्नाटक के पारंपरिक हस्तशिल्प, काशी विश्वनाथ धाम, गुजरात के आदिवासी क्रांतिकारी, जल जीवन मिशन, उड़ान, श्री अरबिन्दों के 150 वर्ष, नेताजी सुभाष के 125 वर्ष, राष्ट्र शिक्षा नीति की झाकियां शामिल हैं।
480 कलाकारों ने बिखेरी सांस्कृतिक कार्यक्रम की छटा
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से और तिरंगे गुब्बारों को उड़ाने के साथ हुआ। राजपथ और आस-पास के इलाकों में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। चेहरे से पहचान करने वाली प्रणाली के साथ 300 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।