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NASA का एलान : सुनीता विलियम्स व बुच विल्मोर की अगले वर्ष फरवरी में SpaceX के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से धरती पर वापसी होगी

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फ्लोरिडा, 24 अगस्त। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स एक अन्य सहकर्मी बुच विल्मोर के साथ अगले वर्ष फरवरी में SpaceX के ड्रैगन क्रू कैप्सूल के जरिए धरती पर लौटेंगी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के प्रमुख बिल नेल्सन ने शनिवार को यह घोषणा की और बताया कि ये दोनों अंतरिक्ष यात्री सकुशल Crew-9 के साथ धरती पर लौटेंगे।

उल्लेखनीय है कि सुनीता व विल्मोर इसी वर्ष पांच जून को बोइंग कम्पनी के स्टारलाइनर यान से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचे थे और वहां आठ दिन रुकने का प्लान था। लेकिन स्टारलाइनर कैप्सूल में खराबी आने की वजह से दोनों अंतरिक्षयात्रियों को वहीं रुकना पड़ा है। अब उनकी यात्रा आठ महीने में बदल चुकी है।

ये है इमरजेंसी प्लान

बोइंग स्टारलाइनर में आई हीलियम लीक और थ्रस्टर्स की दिक्कत की वजह से यह खराबी उत्पन्न हुई है। यदि स्टारलाइनर सही नहीं होता है तो SpaceX के क्रू ड्रैगन मिशन के जरिए दोनों को धरती पर लाया जाएगा। लेकिन इसमें फरवरी 2025 तक का समय लग सकता है।

दोनों आराम से अगले 6 माह तक स्पेस स्टेशन पर बिता सकते हैं

मौजूदा समय सुनीता और विल्मोर, दोनों ही स्पेस स्टेशन पर स्वस्थ हैं और रिसर्च कर रहे हैं। साथ ही वहां मौजूद अन्य एस्ट्रोनॉट्स की अलग-अलग कामों में मदद कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि सुनीता और विल्मोर को किसी बात का खतरा नहीं है। ये दोनों आराम से अगले छह महीने तक स्पेस स्टेशन पर बिता सकते हैं। इस समय स्पेस स्टेशन पर सात एस्ट्रोनॉट्स मौजूद हैं। हालांकि पहले ही एस्ट्रोनॉट्स को अपनी यात्रा बढ़ानी पड़ी है, हालांकि स्पेस स्टेशन पर सुनीता का ये पहला अप्रत्याशित लंबा स्टे होगा।

स्पेस स्टेशन पर इस समय 7 एस्ट्रोनॉट्स मौजूद

स्पेस स्टेशन पर इस समय सुनीता व विल्मोर सहित सात एस्ट्रोनॉट्स मौजूद हैं। स्पेस स्टेशन इतना बड़ा है कि यह अभी और एस्ट्रोनॉट्स को संभाल सकता है. सितम्बर में जब भारतीय एस्ट्रोनॉट ग्रुप कैप्टन शुक्ला के साथ तीन और लोग जाएंगे। उसे लेकर लोगों में चिंता है, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है.

स्पेस स्टेशन में छह बेडरूम से ज्यादा की जगह है। इसमें छह स्लीपिंग क्वार्टर, दो बाथरूम व एक जिम है। जिस स्पेसक्राफ्ट से एस्ट्रोनॉट्स जाते हैं। वो इससे जुड़े रहते हैं। अधिक यात्री होने पर उसमें भी सोया जा सकता है। हाल ही में कार्गो सप्लाई गई है ताकि एस्ट्रोनॉट्स को खाने-पीने की कमी न हो। सुनीता के लौटते समय स्पेसक्राफ्ट में स्टेशन का कचरा भी साथ आएगा। इसे वायुमंडल में छोड़ देते हैं, जो जलकर खत्म हो जाता है।

अंतरिक्ष में इतना लंबा समय व्यतीत करना ठीक है क्या?

अंतरिक्ष में आठ से 10 माह व्यतीत करना अच्छी बात नहीं है। लेकिन कई एस्ट्रोनॉट्स इससे ज्यादा समय स्पेस स्टेशन पर रह चुके हैं। सबसे ज्यादा दिन अंतरिक्ष में रहने का रिकॉर्ड रूसी कॉस्मोनॉट वलेरी पोल्याकोव के पास है। वह 438 दिनों तक मीर स्पेस स्टेशन पर रहे थे। जनवरी,1994 से मार्च,1995 तक। सुनीता और विल्मोर इस बार करीब 250 दिन बिताकर स्पेस स्टेशन से लौटेंगे। विलियम्स इससे पहले 2006 में 196 दिनों तक स्पेस स्टेशन पर व्यतीत कर चुकी हैं।

इतने दिन स्पेस में रुकने पर क्या होता है असर?

लंबे समय के तक स्पेस स्टेशन पर रुकते ही नासा एस्ट्रोनॉट के शरीर पर पड़ने वाले असर की स्टडी करने लगता है। नासा का एक प्रोग्राम चल रहा है, जिसमें 3.5 महीने रुकने पर शरीर पर क्या असर होता है। आठ महीने रुकने पर और उससे ज्यादा रुकने पर। इस दौरान शरीर की मांसपेशियां कमजोर होती है। हड्डियों का घनत्व कम होता है। अंतरिक्ष में ज्यादा समय तक रुकने पर दिल संबंधी बीमारियों का भी खतरा रहता है।