लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक‘ पेश, 33 फीसदी आरक्षण देने वाले बिल पर बुधवार को होगी चर्चा
नई दिल्ली, 19 सितम्बर। केंद्र सरकार ने उम्मीदों के अनुरूप नई संसद में कार्यवाही के पहले दिन मंगलवार को निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ नामक महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया। विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष के शोर-शराबे के बीच संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया। नए संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला विधेयक है।
कानून बनने के बाद लोकसभा में महिलाओं की संख्या 81 से बढ़कर 181 हो जाएगी
अर्जुन राम मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह विधेयक महिला सशक्तीकरण से संबंधित विधेयक है और इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की मौजूदा संख्या (82) बढ़कर 181 हो जाएगी। इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि विधेयक में फिलहाल 15 वर्षों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा।
तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की मंशा पर संदेह जाहिर किया
मेघवाल ने 2010 में महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पारित होने के बाद उसे लोकसभा से पारित न कराने को लेकर तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की मंशा पर संदेह व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में पारित होने के बावजूद महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पारित नहीं कराया जा सका, यह तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की नाकामी को दर्शाता है।
इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि विधेयक पर चर्चा बुधवार को होगी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा की उनकी सरकार लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण के प्रावधान वाले ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा। मैं देश की माताओं, बहनों और बेटियों को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।’