रायपुर, 18 जुलाई। छत्तीसगढ़ में कथित रूप से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ काररवाई की मांग को लेकर नग्न प्रदर्शन कर रहे अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के एक दर्जन से अधिक युवकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि शहर के पंडरी थाना क्षेत्र के आमा सिवनी मोड़ के करीब अश्लील तरीके से विरोध करने पर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के कुछ युवक अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को अचानक विधानसभा की तरफ बढ़ने लगे और पूरी तरह से नग्न होकर नारेबाजी की। पुलिस को जब घटना की जानकारी मिली, तब इन युवकों को हिरासत में ले लिया गया।
प्रदर्शन कर रहे युवकों ने संवाददाताओं से कहा कि छत्तीसगढ़ में 267 लोग अनुसूचित जाति और जनजाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन उनके खिलाफ कोई काररवाई नहीं कर रहा है।
प्रदर्शनकारी युवकों ने कहा, “इन लोगों की गिरफ्तारी और इनके खिलाफ काररवाई के लिए हम लोगों ने आमरण अनशन किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते अब हम नग्न प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारी मांग है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों की गिरफ्तारी हो और उनके द्वारा वेतन से अर्जित संपत्ति जब्त की जाए। यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम और उग्र प्रदर्शन करेंगे।”
विधानसभा जाने वाली सड़क पर अचानक बड़ी संख्या में नग्न युवकों को हाथ में तख्ती लेकर नारे लगाते हुए देखकर कई लोगों ने उनका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर साझा किया। छत्तीसगढ़ विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र मंगलवार को शुरू हुआ और यह 21 जुलाई को समाप्त होगा।
साल के अंत में राज्य में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों से पहले यह अंतिम विधानसभा सत्र है। छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कथित घोटालों और नियमितीकरण की मांग को लेकर संविदा कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे आंदोलन सहित कई मुद्दों पर राज्य की भूपेश बघेल सरकार को घेरने का फैसला किया है। मानसून सत्र के दौरान भाजपा राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाएगी।