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म्यांमार में सेना का खूनी खेल जारी : बच्चों व महिलाओं सहित 30 से अधिक की हत्या, शवों को जला दिया गया

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यंगून, 26 दिसंबर। म्यांमार में वर्ष की शुरुआत में तख्तापलट करने के बाद से सेना का खूनी खेल अब तक जारी है। वह लगातार बेरहमी से लोगों की जान ले रही है। इस दौरान बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी सेना के कहर से नहीं बच पा रहे। नए घटनाक्रम में शुक्रवार को सरकारी बलों ने संघर्षग्रस्त काया राज्य के एक गांव से लोगों को पहले गिरफ्तार किया, फिर महिलाओं और बच्चों सहित 30 से अधिक लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी और शवों को आग लगा दी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, करेनी ह्यूमन राइट्स ग्रुप ने कहा कि उन्हें आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के जले हुए शव मिले, जिनमें शनिवार को ह्प्रुसो शहर के मो सो गांव के पास म्यांमार पर शासन करने वाली सेना द्वारा मारे गए बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। ग्रुप ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘हम मानव अधिकारों का उल्लंघन करने वाली अमानवीय और क्रूर हत्या की कड़ी निंदा करते हैं।’

म्यांमार की सेना ने मारे गए लोगों को आतंकवादी करार दिया

राज्य मीडिया के अनुसार म्यांमार की सेना ने कहा कि उसने गांव में विपक्षी सशस्त्र बलों से हथियारों के साथ आतंकवादियों की एक अनिश्चित संख्या को गोली मार दी और मार डाला। लोग सात वाहनों में सवार थे और सेना के रोकने पर नहीं रुके। मानवाधिकार समूह और स्थानीय मीडिया द्वारा साझा की गई तस्वीरों में जले हुए ट्रक पर शवों के जले हुए अवशेष दिखाई दे रहे हैं।

इस बीच गत एक फरवरी के तख्तापलट का नेतृत्व करने वाले जुंटा का विरोध करने वाले कई नागरिक मिलिशिया में से एक करेनी राष्ट्रीय रक्षा बल ने कहा कि मृतक उनके सदस्य नहीं थे, बल्कि संघर्ष से शरण लेने वाले नागरिक थे।

समूह के एक कमांडर ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, ‘हम यह देखकर इतने हैरान थे कि सभी शव अलग-अलग आकार के थे, जिनमें बच्चे, महिलाएं और बूढ़े भी शामिल थे।’ इसी प्रकार एक ग्रामीण ने भी नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि उसे शुक्रवार की रात आग लगने की जानकारी थी, लेकिन गोलीबारी होने के कारण वह घटनास्थल पर नहीं जा सका।

गौरतलब है कि लगभग 11 महीने पहले सेना द्वारा नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद से म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है।

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