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मुंबइया बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने बनाया दूसरा सबसे बड़ा रणजी स्कोर, असम के खिलाफ ठोके 379 रन

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गुवाहाटी, 11 जनवरी। पिछले 18 महीने के दौरान क्रिकेट के सभी प्रारूपों की भारतीय टीम से अनदेखी झेलने वाले मुंबइया बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने बुधवार को यहां अमीनगांव क्रिकेट ग्राउंड पर धमाका कर दिया। शॉ ने रणजी ट्रॉफी इतिहास में अब तक का दूसरा सबसे स्कोर बनाया और 383 गेंदों का सामना कर चार छक्के व 49 चौके जड़ते हुए 98.96 के स्ट्राइक रेट से 379 रनों की पारी खेल दी।

कप्तान अजिंक्य रहाणे ने भी खेली 191 रनों की पारी

ठाणे के 23 वर्षीय सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ के तिहरे सैकड़े और कप्तान अजिंक्य रहाणे के भारी भरकम शतक (191 रन, 302 गेंद, दो छक्के, 15 चौके) की मदद से मुंबई ने एलीट ग्रुप बी के चार दिवसीय मैच के दूसरे दिन अपनी पहली पारी चार विकेट पर 687 रन बनाकर घोषित की। दिन का खेल समाप्त होने तक असम ने एक विकेट पर 129 रन बनाए थे।

भाऊसाहेब निंबालकर के नाम भारतीय प्रथम श्रेणी क्रिकेट इतिहास का उच्चतम स्कोर

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के भाऊसाहेब निंबालकर के नाम रणजी ट्रॉफी का उच्चतम स्कोर है, जिन्होंने भारतीय प्रथम श्रेणी क्रिकेट इतिहास में करीब नौ दशक पहले दिसम्बर, 1948 में काठियावाड़ के खिलाफ नाबाद 443 रनों का पारी खेली थी। इस प्रकार देखा जाए तो किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा उच्चतम प्रथम श्रेणी स्कोर के मामले में शॉ दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं।

रणजी पारी में 350 के पार जाने वाले नौवें बल्लेबाज

पृथ्वी शॉ इसके साथ ही रणजी पारी में 350 के पार जाने वाले नौवें बल्लेबाज बन गए हैं। इसी क्रम में वह स्वप्निल गुगले (351*), चेतेश्वर पुजारा (352), वीवीएस लक्ष्मण (353), समित गोहेल (359*), विजय मर्चेंट (359), एमवी श्रीधर (366) और संजय मांजरेकर (377) से आगे निकल गए हैं।

शॉ व रहाणे के बीच पांचवें विकेट पर 401 रनों की भागीदारी

लेग स्पिनर रियान पराग की गेंद पर पगबाधा आउट होने से पहले शॉ ने मुशीर खान के साथ पहले विकेट के लिए 123 रनों की साझेदारी की। अरमान जाफर के साथ दूसरे विकेट के लिए 74 रनों की साझेदारी में 42 रन बनाए। फिर कप्तान अजिंक्य रहाणे के साथ तीसरे विकेट के लिए 401 रनों की साझेदारी की। भारत के लिए पांच टेस्ट, छह एक दिवसीय और एक टी20आई मैच खेलने वाले शॉ आखिरी बार जुलाई, 2021 में श्रीलंका के सीमित ओवरों के दौरे में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

पृथ्वी ने इंस्टाग्राम हैंडल पर लिखा था – आशा है कि साईं बाबा आप सब कुछ देख रहे होंगे

कुछ महीने पहले पृथ्वी साव ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक संदेश पोस्ट किया था – ‘आशा है कि साईं बाबा आप सब कुछ देख रहे होंगे।’ मुश्किल हालात का सामना करने के बाद वह दैवीय हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे थे। उसका आकलन ऐसे लोगों ने किया, जो उसे जानते भी नहीं थे और अच्छे समय में साथ रहने वाले दोस्त भी उस समय साथ नहीं थे, जब उन्हें उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी।

जो लोग आपको जानते भी नहीं हैं, वो आपको आंकते हैं

पृथ्वी ने ऐतिहासिक पारी खेलने के बाद कहा, ‘मुझे लगता है कि पोस्ट सिर्फ इस बारे में थी कि वह (साईं बाबा) देख रहे हैं या नहीं। यह किसी के लिए नहीं था। यह व्यक्तिगत बात थी।’ अंडर-19 विश्व कप विजेता भारतीय कप्तान ने कहा, ‘कभी-कभी आप निराश हो जाते हैं। आप जानते हैं कि आप अपनी चीजें सही कर रहे हैं। आप जानते हैं कि आप अपनी प्रक्रियाओं पर सही चल रहे हैं, आप खुद के प्रति ईमानदार हैं, मैदान पर और बाहर अपने करियर के साथ अनुशासित हैं। लेकिन कभी-कभी लोग अलग तरह से बात करते हैं। जो लोग आपको जानते भी नहीं हैं, वो आपको आंकते हैं। सफलता व्यक्ति को समझदार बनाती है, लेकिन कठिन समय आपको थोड़ा जल्दी परिपक्व बना देता है।’

यह इस 23 वर्षीय के साथ हुआ है, जो अब जानता है और पहचान सकता है कि कौन उसके शुभचिंतक हैं। उन्होंने कहा, ‘जब मैं अच्छा नहीं कर रहा था तो जो लोग मेरे साथ नहीं थे, मैं वास्तव में उनकी परवाह नहीं करता। बस उन्हें अनदेखा करना पसंद करता हूं। यह सबसे अच्छी नीति है।’ पृथ्वी सचिन तेंदुलकर के बाद किशोरावस्था में टेस्ट शतक लगाने वाले दूसरे पुरुष क्रिकेटर हैं।

मैं यह भी नहीं सोच रहा कि कोई मुझे भारतीय टीम में बुलाएगा या नहीं

सोशल मीडिया पर ट्रोल्स या प्रतिकूल टिप्पणियां भी अब पृथ्वी को परेशान नहीं करतीं। पृथ्वी को राष्ट्रीय टीम में वापसी का मौका मिलना चाहिए था, लेकिन टेस्ट टीम में रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, शुभमन गिल और अभिमन्यु ईश्वरन के उनसे आगे होने के कारण नहीं पता कि उन्हें कब मौका मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘मैं यह भी नहीं सोच रहा हूं कि कोई मुझे भारतीय टीम में बुलाएगा या नहीं। मैं बस अपनी चीजों को सही करने की कोशिश कर रहा हूं, जो मैं कर सकता हूं और आगे के बारे में नहीं सोच रहा हूं। मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं, जो एक बार में एक दिन जीना पसंद करता है। मुझे अपना आज सही बनाना है। मैं मुंबई के लिए खेल रहा हूं और लक्ष्य रणजी ट्रॉफी जीतना है।’

स्कोर कार्ड

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में हर रोज 400 का स्कोर नहीं बनता, लेकिन अगर उन्हें रियान पराग की गेंद पर पगबाधा आउट नहीं दिया गया होता तो वह 400 रन के स्कोर को पार कर सकते थे। पृथ्वी ने कहा, ‘यह वास्तव में अच्छा लगता है। मैं 400 रन बना सकता था। मुझे लगता है कि मैं वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था, लेकिन यह समय की बात थी क्योंकि बड़े रन नहीं आ रहे थे। मैंने सोचा कि मुझे क्रीज पर और अधिक समय बिताना चाहिए। धैर्य दिखाया और इस विकेट पर इसकी जरूरत थी।’

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