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मुलायम सिंह यादव की नहीं होगी तेरहवीं, सैफई की परंपरा निभाएंगे अखिलेश

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इटावा, 13 अक्टूबर। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं नहीं होगी। बेटे अखिलेश यादव ने सैफई की परंपरा को निभाने का फैसला लिया है। अब 11वें दिन केवल हवन और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होगा। इसके अलावा हरिद्वार में अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा।

गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन के बाद सैफई में मंगलवार को मुलायम सिंह का अंतिम संस्कार किया गया था। बुधवार को परिवार के लोगों ने शुद्धि संस्कार में भाग लिया और अखिलेश समेत परिवार के पुरुष सदस्यों ने बाल भी मुंडवाए थे।

ब्राह्मण भोज का चलन सैफई गांव में वर्षों से बंद

आमतौर पर किसी के निधन के बाद तेरहवीं और सत्रहवीं होती है। इस दिन ब्राह्मण भोज के साथ ही रिश्तेदारों, परिचितों, जान-पहचान वालों और गांव वालों को भोज कराने का चलन है। यह चलन सैफई गांव के लोगों ने बहुत पहले बंद कर दिया था।

सैफई के ग्रामीणों का मानना है कि तेरहवीं का भोज करने से आर्थिक बोझ पड़ता है। एक तरफ लोग अपनों से बिछड़ने के गम में डूबे होते हैं दूसरी ओर भोज का आयोजन ठीक नहीं लगता है। इसी को देखते हुए सैफई गांव ने तेरहवीं नहीं करने का फैसला बहुत पहले किया था।

हालांकि मुलायम परिवार के सामने किसी तरह की आर्थिक समस्या नहीं है। वह तेरहवीं कर सकता है, लेकिन सैफई के लोगों का यह भी मानना है कि अगर कोई बड़ा आदमी तेरहवीं करता है तो उसे देखकर गरीब आदमी भी करेगा और उस पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। इसी वजह से अमीर घरों के लोग भी सैफई की परंपरा निभाते हैं और तरहवीं नहीं करते है। अब अखिलेश यादव ने भी सैफई की परंपरा निभाते हुए पिता मुलायम की तेरहवीं नहीं करने का फैसला लिया है।

नेताजी को श्रद्धांजलि के लिए हर जिले में कार्यक्रम करेगी सपा

इस बीच मुलायम सिंह यादव के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए समाजवादी पार्टी 21 अक्टूबर को पूरे यूपी में कार्यक्रम करेगी। इसे लेकर गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों, जिला-नगर अध्यक्षों समेत सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, अंत्येष्टि के 11वें दिन शांति यज्ञ के बाद अस्थियों को विसर्जन के लिए हरिद्वार और प्रयाग ले जाया जाएगा।

नेताजी को याद कर डबडबाईं शाही और अखिलेश की आंखें

उधर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के चौथे दिन गुरुवार को पैतृक कोठी पर सन्नाटा पसरा रहा। शाम को कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही नेता जी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। अखिलेश यादव को ढांढस बंधाते समय खुद की आंखें डबडबा गईं तो अखिलेश भी अपने आप को नहीं रोक पाए। वह करीब आधे घंटे अखिलेश के पास बैठे और परिवार के अन्य सदस्यों से भी मिले।