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मुख्तार अंसारी बांदा मेडिकल कॉलेज की ICU में भर्ती, 5 दिन पहले लगाया था खाने में जहर देने का आरोप

मुख्तार अंसारी बांदा मेडिकल कॉलेज की ICU में भर्ती, 5 दिन पहले लगाया था खाने में जहर देने का आरोप

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लखनऊ, 26 मार्च। बांदा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे माफिया मुख्तार अंसारी की सोमवार की रात अचानक तबीयत बिगड़ गई। सीने में दर्द की शिकायत पर जेल प्रशासन ने आनन-फानन में उसे मंगलवार को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है, जहां गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) में उसका इलाज चल रहा है।

बेटे उमर अंसारी ने सोशल मीडिया के जरिए दी जानकारी

मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि उनके पिता को बांदा मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है। उमर ने पोस्ट में कहा, ‘मेरे पिता मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत बहुत गंभीर है। कृपया उनके लिए प्रार्थना करें।’

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्तार अंसारी पिछले तीन दिनों से यूरिनरी इन्फेक्शन से प्रभावित है। सूत्रों ने बताया, ‘रात में लगभग एक बजे मुख्तार अंसारी को जेल से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां प्रारंभिक जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे आईसीयू में भर्ती कर लिया है।’ वहीं बांदा जिला प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर अस्पताल के बाहर भारी सुरक्षा तैनात कर दी है।

उल्लेखनीय है कि पांच दिन पहले बाराबंकी की एमपी/एमएलए कोर्ट में गुरुवार को फर्जी एम्बुलेंस मामले में सुनवाई हुई थी। केस में मुख्तार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो पेश नहीं हुआ। उसकी जगह डिप्टी जेलर महेंद्र सिंह कोर्ट में पेश हुए थे और उन्होंने कोर्ट को बताया था कि मुख्तार बीमार है, जिसके चलते वह पेश नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट ने 29 मार्च की तारीख लगा दी थी।

वहीं मुख्तार की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील रणधीर सिंह सुमन ने कोर्ट में मुख्तार की ओर से एक आवेदन दिया था। आवेदन में मुख्तार की तरफ से कहा गया था कि बीते 19 मार्च की रात को उसे खाने में कथिततौर पर जहरीला पदार्थ था, जिसके कारण उसकी तबीयत खराब हो गई थी।

मुख्तार ने कहा था, ‘मेरे हाथ-पैर और शरीर की नसों में दर्द हो रहा है। हाथ-पांव ठंडे हो रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि मेरा दम निकल जाएगा। 40 दिन पहले भी मेरे खाने में धीमा जहर दिया गया था। जो स्टाफ खाना बनाने के बाद चख कर मुझे देता है, वह भी बीमार पड़ गया और उसका भी इलाज कराया गया। इसलिए इलाज के लिए व्यवस्था करवाई जाए। साथ ही मेडिकल बोर्ड बनाकर मामले की जांच करवाई जाए।’

मुख्तार को बीते 17 माह में 8 बार अलग-अलग मामलो में सजा हो चुकी है

गौरतलब है कि मुख्तार को बीते 17 महीने में आठ बार अलग-अलग मामलो में कोर्ट से सजा सुनाई गई है। मुख्तार 25 अक्टूबर, 2005 से जेल में बंद है। उसके खिलाफ यूपी, दिल्ली, पंजाब में 65 मुकदमे दर्ज हैं। उसे दो मामलों में उम्रकैद की सजा हुई है। मऊ निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार के विधायक मुख्तार ने आखिरी बार 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ा था।

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