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दंगों-दबंगों की सियासत पर मोदी और योगी युग ने लगाया विराम : नकवी

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रामपुर, 21 नवंबर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि “कट, कमीशन, करप्शन की विरासत” तथा “दंगों और दबंगों की सियासत” पर मोदी और योगी युग ने विराम लगा दिया है।

नकवी ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत रविवार को यहां आयोजित सामूहिक विवाह समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि “बेईमानों की बकैती, बाहुबलियों की फिरौती” पर पूर्ण विराम लगाए जाने से “बाहुबली ब्रदरहुड” में बौखलाहट है।

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का फिर से नागरिकता कानून वापस लेने और 370 बहाल करने का “साम्प्रदायिक विलाप” शुरू हो गया है। नागरिकता कानून किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि पाकिस्तान ,अफ़गानिस्तान, बंगलादेश के पीड़ित-प्रताड़ित हिंदुओं, सिक्खों आदि अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है।

नकवी ने कहा कि बड़े ही आश्चर्य की बात है कि पाकिस्तान आज हमें अल्पसंख्यकों के अधिकारों का ज्ञान दे रहा है। उससे भी ज्यादा विडम्बना की बात है कि भारत के कुछ सियासी दल पाकिस्तान के “सुर में सुर मिलाने की सनक” में लग कर हिंदुस्तान की समावेशी संस्कृति के खिलाफ साजिश में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान जो अल्पसंख्यकों के अधिकारों के जुल्म और जुर्म का जंगल हो, जिस पाकिस्तान में बंटवारे के समय अल्पसंख्यकों की आबादी 24 प्रतिशत रही हो और आज 2 फीसदी से भी कम हो गई हो, जहां अल्पसंख्यकों के हजारों धार्मिक स्थल तबाह कर दिए गए हों। वह उस भारत को ज्ञान दे जहां तीन लाख से ज्यादा मस्जिद हैं, उतने ही अन्य धार्मिक स्थल, लाखों चर्च और अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थल हों, जहां समाज के अन्य तबकों के साथ-साथ अल्पसंख्यकों के धार्मिक, सामाजिक, शैक्षिक, संवैधानिक अधिकारों की समानता हो, पाकिस्तान जैसा देश जो जिहादी जुर्म और जुल्म का जंगल देश हो, हमें ज्ञान दे इससे ज्यादा हास्यास्पद और कुछ नहीं हो सकता।

नकवी ने कहा कि जिस पाकिस्तान में इबादतगाहों में बम धमाके होते हों, हजारों बेगुनाहों की लाश और खून बहते हों, वह भारत के अल्पसंख्यकों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने का घटिया नाटक करे, इससे बड़ा ढोंग नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व पर सवाल करने वाले हिंदुस्तान की संस्कृति, संस्कार को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। हिंदुत्व का संस्कार-संस्कृति ही पंथनिरपेक्षता का संकल्प है। जो हिंदुत्व “वसुधैव कुटुम्बकम” और “सर्वधर्म समभाव” के संकल्प से भरपूर हो उस पर कोई “जाहिल जिहादी” ही हमला कर सकता है, हिंदुत्व का सनातन संस्कार ही पंथनिरपेक्षता की आत्मा है, हिंदुत्व पर हमला हिंदुस्तान की आत्मा पर चोट है।

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