बेंगलुरु, 24 सितंबर। कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की याचिका पर अपना फैसला सुनाया। अदालत ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी। इस याचिका में सीएम ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) साइट आवंटन मामले में उनके खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत की मंजूरी की वैधता को चुनौती दी थी।
अदालत ने कहा कि राज्यपाल को व्यक्तिगत शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करने की अनुमति देने का अधिकार है। बता दें कि उच्च न्यायालय ने 12 सितंबर को मामले में अपनी सुनवाई पूरी कर ली थी और अपने आदेश सुरक्षित रख लिया था। इसने बेंगलुरु की एक विशेष अदालत को आगे की कार्यवाही स्थगित करने और मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई भी जल्दबाजी में कार्रवाई न करने का निर्देश दिया था।
- सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पर लगे हैं ये आरोप
यह मामला उन आरोपों से संबंधित है कि सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को मैसूर के एक महंगे इलाके में मुआवजा स्थल आवंटित किया गया था, जिसकी संपत्ति का मूल्य MUDA की ओर से अधिग्रहित की गई उनकी भूमि के स्थान की तुलना में अधिक था। MUDA ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे, जहां MUDA ने एक आवासीय लेआउट विकसित किया था।