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गैंगस्टर केस : MP-MLA कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को सुनाई 10 साल की सजा, 5 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका

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लखनऊ, 27 अक्टूबर। गाजीपुर के MP-MLA कोर्ट ने माफिया से राजनेता बने बाहुबली मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में शुक्रवार को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इसके साथ ही पूर्व विधायक पर पांच लाख लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका है।

2010 में गाजीपुर में कपिल देव सिंह की हत्याकांड में हुई सजा

दरअसल, मुख्तार अंसारी को 2010 में गाजीपुर के करंडा थाना क्षेत्र में कपिल देव सिंह की हत्या के बाद उसके खिलाफ दर्ज एक गैंगस्टर मामले में यह सजा सुनाई गई। मुख्तार अंसारी के सहयोगी सोनू यादव को पांच साल की कैद और दो लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

गाजीपुर के MP-MLA कोर्ट ने 26 अक्टूबर को मुख्तार को दोषी करार दिया था। साल 2009 में गाजीपुर के करंडा थाना क्षेत्र के कपिलदेव की हत्या हुई थी। एक अन्य मामले में मुख्तार के खिलाफ मीर हसन ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। दोनों मामलों को मिलाकर गैंगचार्ट बना था। मुख्तार पर गैंगस्टर का केस करंडा थाने में दर्ज हुआ था।

माफिया मुख्तार के खिलाफ इस समय कई मामले चल रहे

गौरतलब है कि माफिया मुख्तार के खिलाफ इस समय कई मामले चल रहे हैं। हाल ही में प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने  मुख्तार अंसारी की जमीन, एक इमारत और बैंक खाता कुर्क कर ली, जिसकी कीमत 73.43 लाख रुपये हैं। कुर्क की गई संपत्तियों में गाजीपुर जिले के सदर तहसील के मौजा रजदेपुर देहाती में आराजी नंबर-604 पर स्थित 1,538 वर्ग फुट की जमीन और उस पर बनी एक व्यावसायिक इमारत, मऊ जिले के सदर तहसील में मौजा जहांगीराबाद परगना के आराजी संख्या-169 पर अवस्थित 6,020 वर्ग फुट का भूखंड शामिल थी।

हाई कोर्ट एक अन्य मामले में सुना चुका है 5 साल की सजा

मुख्तार को इलाहाबाद हाई कोर्ट भी गैंगस्टर अधिनियम से संबंधित 23 साल पुराने एक मामले में पांच साल की सजा सुना चुका है। उच्च न्यायालय ने लखनऊ की विशेष एमपी-एमएलए अदालत द्वारा मामले में अंसारी को बरी किए जाने के फैसले को दिसम्बर, 2020 में पलट दिया था। इसके खिलाफ मुख्तार ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उच्चतम न्यायालय ने मुख्तार अंसारी की अर्जी पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है।

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