ढाका, 21 जुलाई। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से जारी देशव्यापी हिंसक प्रदर्शनों के बीच देश के सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को बड़ा फैसला सुनाया। इस क्रम में शीर्ष अदालत ने सरकारी नौकरियों में ज्यादातर आरक्षण खत्म कर दिया है।
93 फीसदी नौकरियों को मेरिट पर आधारित करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत का आरक्षण बरकरार रखने का फैसले रद कर दिया और 93 फीसदी नौकरियों को मेरिट पर आधारित करने का आदेश दिया है। अब 1971 के युद्ध में शामिल होने वालों के परिवारवालों को केवल पांच फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगभग सभी सरकारी नौकरियों में योग्यता के आधार पर चयन का मानदंड होना चाहिए।
देशव्यापी हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम 133 जानें जा चुकी हैं
गौरतलब है कि बांग्लादेश में आरक्षण सुधारों को लेकर कई दिनों से जारी हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम 133 लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग घायल हो चुके हैं। हिंसा को देखते हुए पूरे देश में हसीना सरकार ने कर्फ्यू लगा दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान छात्रों की ओर से पांच वकीलों को तर्क रखने की इजाजत दी गई थी। इस सुनवाई में शामिल हुए कुल नौ वकीलों में से आठ ने हाई कोर्ट के फैसले को पलटने की बात कही। केवल एक वकील ने ही आरक्षण की वकालत की।
अब सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के लिए 5% सीटें आरक्षित
गौरतलब है कि बांग्लादेश में आरक्षण सुधार के बाद एक तिहाई सरकारी नौकरियों को 1971 के युद्ध में भाग लेने वालों के परिवार वालों के लिए आरक्षित कर दिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के लिए पांच फीसदी सीटें आरक्षित की जा सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट हाल ही में किए गए आरक्षण सुधारों की वैधता पर अगले माह सुनवाई करने वाला था। हालांकि बिगड़ते माहौल और हिंसा को देखते हुए कोर्ट ने मामले की अर्जेंट सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रदर्शनकारी छात्र अब अपनी क्लास को लौटें और पढ़ाई करें।
कोर्ट के आदेश के बाद सरकारी नौकरियों में अब सिर्फ 7% आरक्षण
इस आदेश के बाद आरक्षण 56 फीसदी से घटकर केवल सात फीसदी हो जाएगा। पहले 1971 के युद्ध में भाग लेने वालों के परिवार वालों को 30 फीसदी आरक्षण दिया जाना था, जो अब केवल पांच फीसदी रह जाएगा। एक फीसदी आरक्षण आदिवासियों के लिए और एक फीसदी दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर के लिए रह जाएगा। इस तरह से बांग्लादेश में सरकारी नौकिरियों में आरक्षण लगभग खत्म हो जाएगा। 93 फीसदी नौकरियां मेरिट के आधार पर ही दी जाएंगी।