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इलाहाबाद हाई कोर्ट और लखनऊ खंडपीठ के 800 से अधिक सरकारी वकील बर्खास्त, नयों को मिलेगा मौका

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लखनऊ, 2 अगस्त। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट और उसकी लखनऊ खंडपीठ के 800 से अधिक सरकारी वकीलों को बर्खास्त कर दिया है। अब इनके स्थान पर नए वकीलों को मौका मिलेगा। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया।

प्रति 5 वर्ष पर होता है बदलाव

उल्लेखनीय है कि हर पांच साल पर सरकारी वकीलों को लेकर आदेश जारी होते हैं, जिसमें कुछ हटाए जाते हैं। इसके बाद नए को मौका मिलता है। सरकारी वकीलों की नियुक्ति केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों मिल कर करती है। वकीलों की नियुक्ति कौन सरकार करेगी, वो इस बात पर निर्भर होगी कि वे कौन से कोर्ट में वकालत करना चाहते हैं, उच्च न्यायालय (High Court) में या जिला स्तर के न्यायलय में।

उच्च न्यायलय में सरकारी वकीलों की नियुक्ति, उस स्टेट की गवर्नमेंट और केंद्र की सरकार द्वारा, उच्च न्यायालय से विचार और परामर्श करने के बाद किया जाता है। वहीं जिला न्यायालय में वकीलों की नियुक्ति स्टेट की गवर्नमेंट द्वारा की जाती है।

सरकारी वकील कौन से कार्यों के लिए जिम्मेदार

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