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तुर्की-सीरिया में भूकंप की वजह से 7800 से ज्यादा लोगों की मौत, पीड़ितों की चीख बयां कर रही दर्दनाक हालात

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अंकारा, 8 फरवरी। तुर्की और सीरिया में सोमवार सुबह आए 7.8 तीव्रता की भूकंप और उसके बाद भी लगे कई तेज झटकों की वजह से मृतकों का आंकड़ा 7800 पहुंच चुका है। तुर्की में मरने वालों की संख्या बढ़कर 5894 हो गई है जबकि सीरिया में भी 1932 से अधिक लोगों की भूकंप से जान गई है। तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने भूकंप से प्रभावित देश के 10 दक्षिणी प्रांतों में तीन माह के लिए आपातकाल घोषित किया है। साथ ही उन्होंने भूकंप प्रभावित इलाकों में राहत कार्य में तेजी लाने को कहा है।

घायलों की संख्या भी 42,259 का आंकड़ा पार कर गई है। मृतक संख्या अभी और बढ़ सकती है। अभी भी हजारों लोग मलबे में फंसे हैं। राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं। अभी तक करीब आठ हजार लोगों को बचाया जा चुका है। कई दशकों बाद आए ऐसे विनाशकारी भूकंप से हालात बेहद भयावह हैं। इमारतें, सड़कें, गाड़ियां समेत हर चीज तबाह हो चुकी है।

हर तरफ मलबा ही मलबा नजर आ रहा है। चारों तरफ लाशें दिख रही हैं और उनमें अपनों को तलाशते लोग। मलबे से लगातार शव निकल रहे हैं और सड़कों पर दौड़ती एंबुलेंस, पुलिस के सायरन और पीड़ितों की चीख सारे हालात खुद-ब-खुद बयां कर रही हैं। अस्पताल भी घायलों से भरे हुए हैं। राहत एवं बचाव टीमें हर पल मदद में जुटी हैं।

बचावकर्मी बड़ी सावधानी से कंक्रीट के पत्थर और लोहे की छड़ों को हटा रहे हैं ताकि मलबे में यदि कोई भी जीवित बचा हो तो उसे सुरक्षित निकाला जा सके। मलबे से किसी के चिल्लाने की आवाज आती है तो बचाव टीमें और शिद्दत से अपने मिशन में जुट जाती हैं। जिंदा बचाए जाने की सूरत में लोग नारेबाजी कर इन टीमों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं।

जैसे ही मलबे से किसी घायल को राहत कर्मी बाहर निकालकर लाते हैं, लोग उस तरफ दौड़ पड़ते हैं, इस आस में कि कहीं वह उनका प्रियजन तो नहीं। भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लोगों ने शापिंग माल, स्टेडियम, मस्जिद और सामुदायिक केंद्रों में शरण ली हुई है। इसके अलावा भयभीत कुछ लोग सड़कों पर भी हैं। भूकंप के बाद आने वाले हलकों झटकों से बार-बार धरती हिल रही है।

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