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अयोध्या : पहले दिन 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए रामलला के दर्शन, व्यवस्था देखने खुद सीएम योगी पहुंचे

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अयोध्या/लखनऊ, 23 जनवरी। भव्य-नव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन आमजन के लिए मंदिर के कपाट खोले जाने के बाद मंगलवार देर शाम तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान राम के बाल स्वरूप का दर्शन कर चुके थे। राज्य के सूचना निदेशक शिशिर सिंह ने देर शाम यह जानकारी दी।

आस-पास के जिलों से श्रद्धालुओं के समूह छोटी-छोटी गलियों, रेलवे पटरियों, खेतों से अयोध्या में प्रवेश कर रहे हैं जबकि कुछ सरयू नदी पार कर नगर में प्रवेश कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की लंबी कतारों के बीच कई बार भीड़ काबू से बाहर होती दिखी, लेकिन पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों ने स्थिति तुरंत संभाल ली और लोगों को कतार में खड़ा करवाकर भगवान राम के दर्शन कराए।

मंदिर परिसर में एकबारगी तो भीड़ अयोध्या प्रशासन के नियंत्रण से बाहर जाती दिखी, तब प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद और विशेष पुलिस महानिदेशक (डीजी) कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने भीड़ प्रबंधन की कमान खुद संभाल ली। दोनों आला अधिकारियों ने काफी देर तक गर्भ गृह में भी व्यवस्था की निगरानी की। पुलिस महानिरीक्षक (अयोध्या) प्रवीण कुमार ने कहा, ‘रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या में बड़ी भीड़ उमड़ी है, हमारा पुलिस बल भक्तों को प्रबंधित करने के लिए चौबीसों घंटे व्यस्त है।’

इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देर शाम सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में बताया, ‘आज श्री अयोध्या धाम में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर संबंधित अधिकारियों को पूज्य साधु-संतों व श्रद्धालुओं हेतु प्रभु श्री रामलला के सुलभ एवं सहज दर्शन के साथ ही सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुचारु रूप से संचालित करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।’

सूत्रों के अनुसार सोमवार की दोपहर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जाने के कुछ घंटों बाद ही करीब दस लाख श्रद्धालु अयोध्या में प्रवेश करने में कामयाब रहे। इस बीच, गोंडा, बस्ती और अंबेडकरनगर की सड़कों पर कुछ किलोमीटर तक तब लंबा ट्रैफिक जाम लग गया, जब पुलिस ने अयोध्या की ओर जाने वाली सभी सड़कों को पूरी तरह से बंद कर दिया। यहां तक कि पैदल यात्रियों को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। आयुक्त गौरव दयाल, पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी नीतीश कुमार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरके नैय्यर समेत अयोध्या प्रशासन के सभी अधिकारी अयोध्या की विभिन्न सड़कों पर तैनात होकर भीड़ की आवाजाही को नियंत्रित करने की कोशिश करते दिखे।

राम जन्मभूमि मंदिर के कपाट मंगलवार को जनता के लिए खुलने से कुछ घंटे पहले ही लोग कतार में खड़े हो गए। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए सुरक्षा में जो सुरक्षा बल तैनात किए गए थे, उन्हें बहाल करना पड़ा और अयोध्या शहर की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर बैरिकेडिंग कर दी गई। मंगलवार की सुबह केवल पैदल यात्रियों को अंदर जाने की अनुमति थी, लेकिन दोपहर होते-होते पैदल यात्रियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया।

लगभग सभी श्रद्धालु अयोध्या के आसपास के जिलों विशेषकर बस्ती, गोंडा, बाराबंकी, सुल्तानपुर और अंबेडकरनगर से हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के तुरंत बाद जैसे ही यातायात प्रतिबंधों में ढील दी गई, विभिन्न निकटवर्ती क्षेत्रों से लोग आधी रात ही अयोध्या की ओर चल पड़े। भीड़ में अयोध्या के निवासी और विभिन्न मंदिरों के साधु भी शामिल थे।

अयोध्या पुलिस और अयोध्या प्रशासन ने बहुत ही प्रबंधित और पेशेवर तरीके से भीड़ को संभाला और भक्तों के लिए राम मंदिर में दर्शन के लिए सुरक्षित मार्ग बनाए, लेकिन भीड़ मिनट दर मिनट बढ़ती देखी गई, जिससे प्रशासन और पुलिस बल में हड़कंप मच गया।

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