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मॉनसून सत्र : लोकसभा तक पहुंचा ‘खेला होबे’ का नारा, छठे दिन भी दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित

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नई दिल्ली, 27 जुलाई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में जहां मॉनसून की बारिश जारी है वहीं संसद का मॉनसून सत्र भी सम्पूर्ण विपक्ष के लगातार हमलों की बारिश झेल रहा है। पेगासस जासूसी कांड, किसान आंदोलन और कोविड कुप्रबंधन सहित कई मुद्दों को लेकर जारी विपक्षी दलों के जबर्दस्त हंगामे का ही यह नतीजा रहा कि छिटपुट कामकाज के बीच लगातार छठे दिन मंगलवार को भी कई बार के स्थगन के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

दिलचस्प तो यह रहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान खूब उछला ‘खेला होबे’ का नारा संसद तक पहुंच गया। कई बार के स्थगन के बाद जब अपराह्न चार बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी दल के सदस्यों ने ‘खेला होबे’ का नारा लगाया और हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक स्थगित कर दी गई। ज्ञातव्य है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सोमवार से ही तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली में मौजूद हैं। उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात का कार्यक्रम है।

सोनिया गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की नोटिस

इस बीच भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सुदीप बंदोपाध्याय के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की नोटिस दी है। बिधूड़ी का कहना था कि कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी कॉन्सपिरेसी करके सदन को नहीं चलने दे रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं सदन में लोगों की बात रखना चाहता हूं। 377 के तहत मेरा नंबर आया था। शून्यकाल में मैं लोगों को मोबाइल मुहैया कराने का मुद्दा उठाना चाहता था क्योंकि आजकल ऑनलाइन क्लासेस लग रही हैं और बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं।’

राज्यसभा से किशोर न्याय संशोधन विधेयक पास

उधर उच्च सदन यानी राज्यसभा से किशोर न्याय संशोधन विधेयक, 2021 (Juvenile justice amendment bill)  पास हो गया है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इसे पेश किया। इस विधेयक के पास होने के बाद सदन की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

केंद्र एकालाप में लिप्त हैहमें संवाद चाहिए मनोज झा

देखा जाए तो पेगासस मुद्दा ही अब तक संसद में जारी गतिरोध का केंद्र बिंदु बना हुआ है। इस क्रम में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सांसद व पार्टी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा, ‘केंद्र एकालाप में लिप्त है, हमें संवाद चाहिए। हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री आएं और पेगासस पर चर्चा हो क्योंकि पेगासस जासूसी प्रकरण चार कॉलम में पढ़ी जाने वाली खबर नहीं है। किसी को नहीं पता कि किसने उपकरण खरीदे और किसने अधिकृत किया? ऐसे कई सवाल हैं। हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की अध्यक्षता में इसकी जांच हो।’

वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, ‘अगर सरकार राष्ट्रहित में मुद्दों पर चर्चा नहीं कर सकती है तो हम इसके राष्ट्रविरोधी बिलों को नहीं सुनेंगे।’

पीएम के खिलाफ नारेबाजी, नकवी बोले – सदन की गरिमा बिगाड़ रहे विपक्षी नेता

राज्यसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी नारेबाजी की। इस पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विपक्षी दल के नेता सदन की गरिमा को बिगाड़ रहे हैं। वे प्रधानमंत्री के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी कर रहे हैं। बिना मास्क के जो नारेबाजी हो रही है, वो कोरोना नियमों का उल्लंघन भी है।

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने भी की सख्त टिप्पणी

पूर्वाह्न में 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में जारी हंगामे के बीच स्पीकर ओम बिरला ने भी सख्त टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि सदन में नारेबाजी को लेकर कम्पटीशन ना करें। जनता देख रही है, जनता के अभाव के लिए कम्पटीशन की जरूरत है।

सीएए पर गृह मंत्रालय ने मांगा और 6 माह का समय

हंगामे के बीच ही हुई चर्चा के दौरान नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) के अंतर्गत नियमों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त छह महीने का वक्त मांगा। लोकसभा में गृह मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा कि सीएए को 12-12- 2019 को अधिसूचित किया गया था,लेकिन अभी नियम तैयार नहीं हुए हैं।

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