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संसद का मानसून सत्र आज से : कई मुद्दों पर हंगामे के आसार, वित्त मंत्री सीतारमण मंगलवार को पेश करेंगी केंद्रीय बजट

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नई दिल्ली, 21 जुलाई। संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करेंगी। फिलहाल सत्र के पहले ही दिन दोनों सदनों में हंगामे के आसार हैं क्योंकि विपक्ष नीट पेपर लीक, रेलवे सुरक्षा और कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार के फैसले समेत कई मुद्दों पर एनडीए सरकार को घेरने की तैयारी में है।

सर्वदलीय बैठक में उठा कांवड़ मार्ग पर नेमप्लेट का मुद्दा

इस बीच मानसून सत्र से पहले रविवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए से जीतन राम मांझी और जयंत चौधरी बैठक में शामिल नहीं हुए। तृणमूल कांग्रेस भी बैठक में शामिल नहीं हुई।

सूत्रों के अनुसार सर्वदलीय बैठक में जेडीयू और वाईएसआरसीपी ने क्रमश: बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की जबकि समाजवादी पार्टी ने कांवड़ यात्रा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसे लेकर लिया गया नेमप्लेट का फैसला पूरी तरह गलत है।

सत्र के दौरान 6 विधेयक पेश कर सकती है सरकार

संसद का यह सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। इसमें कुल 19 बैठकें होनी हैं। इस दौरान सरकार की ओर से छह विधेयक भी पेश किए जाने की उम्मीद है। इसमें 90 वर्ष पुराने विमान अधिनियम को बदलने वाला विधेयक भी शामिल है। साथ ही जम्मू-कश्मीर के बजट के लिए संसद की मंजूरी भी शामिल है।

सत्र के दौरान सूचीबद्ध विधेयकों में फाइनेंस बिल, डिजास्टर मैनेजमेंट, बॉयलर्स बिल, भारतीय वायुयान विधेयक, कॉफी प्रमोशन एंड डेवलपमेंट बिल और रबर प्रमोशन एंड डेवलपमेंट बिल शामिल हैं। सत्र में डिमांड फॉर ग्रांट्स पर चर्चा और मतदान होगा। इसके अलावा एप्रोप्रिएशन बिल पारित होगा।

केंद्रीय बजट से पहले निर्मला सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी

वित्त मंत्री सीतारमण मंगलवार को पेश किए जाने वाले बजट से पहले सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेंगी। आर्थिक सर्वे सरकार के रिपोर्ट कार्ड की तरह होता है, जिसमें पिछले वित्त वर्ष का लेखा-जोखा होता है। इससे जनता को न सिर्फ अर्थव्यवस्था की सही स्थिति का पता चल जाता है बल्कि कई चुनौतियों के बारे में सरकार बताती है और उन्हे दूर करने के बारे में भी सर्वे में उल्लेख मिलता है। इस सर्वे से आम जनता को महंगाई, बेरोजगारी के आंकड़े तो मिलते ही हैं, निवेश, बचत और खर्च करने का आईडिया भी मिल जाता है।