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संसद का मॉनसून सत्र : नहीं थमा विपक्ष का हंगामा, लगातार पांचवें दिन दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित

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नई दिल्ली, 26 जुलाई। पेगासस जासूसी कांड, किसान आंदोलन और कोविड कुप्रबंधन सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर सम्पूर्ण विपक्ष का हमलावर रुख थमने का नाम नहीं ले रहा है और उसके जबर्दस्त हंगामे का ही यह नतीजा है कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान छिटपुट कामकाज के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार पांचवें दिन कई बार की बाधाओं के बाद अगले दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी।

आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

विपक्षी दल पेगासस सहित तमाम मसलों पर जहां इस तर्क के बीच केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश में जुटे हैं कि वह इन मुद्दों पर चर्चा करने से भाग रही है। वहीं सरकार कार्यवाही न चल पाने के पीछे विपक्ष को दोषी बता रही है। मजेदार तो यह है कि बिना चर्चा के ही अब तक दो विधेयक भी पास हो चुके हैं।

शाह सहित तीन मंत्रियों ने लोकसभा अध्यक्ष से की भेंट

इस बीच सोमवार को केंद्रीय मंत्रियों – अमित शाह, प्रह्लाद जोशी व धर्मेंद्र प्रधान ने संसद में व्यवधान को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसके पूर्व दिन में विपक्षी सदस्‍यों से सदन को चलने देने का अनुरोध किया। उन्‍होंने कहा कि पहले ही पांच दिन बिना किसी काम के निकल चुके हैं। जनता का पैसा बर्बाद हो रहा है।

पेगासस सहित किसी मुद्दे पर बोलना नहीं चाहती सरकार शशि थरूर

उधर आईटी पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि सरकार ने इस सप्ताह के एजेंडे में ‘पेगासस’ का उल्लेख नहीं किया है। इसके अलावा वह लोकसभा में कोरोना प्रबंधन, वैक्सीन नीति और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी पर बोलना नहीं चाहती है।

विपक्षी पार्टियों ने पेगासस सहित तमाम मसलों पर की चर्चा

इन्‍हीं मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर सोमवार को भी दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। इस गतिरोध के बीच प्रमुख विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने बैठक की। उन्होंने पेगासस जासूसी मामले पर बातचीत करने के साथ ही इस पर जोर दिया कि इस विषय पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।

राज्यसभा में खड़गे ने दे रखी है कार्यस्थगन की नोटिस

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति एम वेंकैया नायडू को पेगासस मामले पर कार्यस्थगन की नोटिस दी। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल, शून्यकाल और दूसरे कामकाज को निलंबित किया जाना चाहिए। इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में चर्चा होनी चाहिए।

बिना चर्चा पारित हो रहे विधेयक

खास बात यह है कि विपक्ष के हंगामे और शोर-शराबे के बीच बिल भी पास हो रहे हैं। इस दौरान लोकसभा में दो बिल बिना चर्चा के पारित हुए। यह निश्चित ही शुभ संकेत नहीं है।