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मंकीपॉक्स ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित, डब्ल्यूएचओ ने बढ़ते मामलों को देखते हुए उठाया कदम

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जिनेवा/नई दिल्ली, 23 जुलाई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने विश्वभर में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के बढ़ते मामलों को देखते हुए शनिवार को इसे अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल यानी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न (PHEIC) घोषित कर दिया है और ऐसे संक्रमण के मद्देनजर आम लोगों से सतर्क रहने की भी अपील की है। पीएचईआईसी वैश्विक संगठन की सबसे तेज अलार्म घंटी है, जो एक उभरते हुए प्रकोप का संकेत देती है।

60 से अधिक देशों में अब तक 15,000 से अधिक मामलों की पहचान

उल्लेखनीय है कि मई की शुरुआत से 60 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के 15,000 से अधिक मामलों की पहचान की गई है। मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाली बीमारी में आमतौर पर कुछ दिनों का बुखार और लिम्फ नोड में सूजन के बाद दाने होते हैं, जो निशान छोड़ सकते हैं। वर्तमान प्रकोप के अधिकतर मामले अस्पताल में भर्ती या दवा की आवश्यकता के बिना हल हो गए हैं। सात जुलाई तक तीन मौतें हो चुकी हैं और ये सभी अफ्रीका में हैं।

मंकीपॉक्स PHEIC था या नहीं, यह निर्धारित करने के लिए डब्ल्यूएचओ ने पहली बार जून के अंत में एक समिति बुलाई थी। अब जबकि दुनियाभर में मामले बढ़ रहे हैं, समिति ने 21 जुलाई को फिर से बैठक की  और इस बार परिणाम अलग था।

डॉ. टेड्रोस ने डबल्यूएचओ के मुख्यालय में एक मीडिया कॉन्फ्रेंस के दौरान मंकीपॉक्स को पीएचईआईसी घोषित करते हुए कहा, ‘हमारे पास एक प्रकोप है, जो दुनियाभर में संचरण के नए तरीकों के माध्यम से तेजी से फैल गया है, जिसके बारे में हम बहुत कम समझते हैं और जो अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों में मानदंडों को पूरा करता है।’

भारत में मंकीपॉक्स के दोनों केस केरल से सामने आए

इधर भारत में अब तक मंकीपॉक्स के दो केस मिल चुके हैं और दोनों केरल से हैं। कुछ दिन पहले केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था। उस दौरान केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि जिस शख्स में मंकीपॉक्स के लक्षण मिले थे, वह कुछ दिन पहले ही यूएई की यात्रा करके लौटा था। इसके ठीक बाद केरल में ही इस वायरस का दूसरा मामला भी सामने आया था।

केरल के सभी 5 हवाईअड्डों पर स्वास्थ विभाग की सतर्क निगरानी

केरल में मंकीपॉक्स का दूसरा मरीज मिलने के बाद के केंद्र सरकार पूरी तरह से सतर्क हो गई थी और एयरपोर्ट-बंदरगाहों पर कड़ी स्क्रीनिंग का दिया निर्देश दिया था, जिससे वक्त रहने मंकीपॉक्स के मरीजों की पहचान कर उनका इलाज किया जा सके। साथ ही इनसे दूसरों में होने वाली बीमारी को रोका जा सके। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी पांच हवाईअड्डों पर निगरानी बढ़ा दी थी।

केरल में दूसरे केस के बारे में राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि 31 वर्षीय युवक पिछले सप्ताह दुबई से केरल आया था। बीमारी के लक्षण दिखने पर उसकी जांच की गई तो वह मंकीपॉक्स पॉजिटिव मिला। मंत्री ने कहा कि कन्नूर के रहने वाले युवक का परियाराम मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज चल रहा था।

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