Site icon Revoi.in

मोहन बागान ने 22 वर्षों बाद जीता डूरंड कप, फाइनल में ईस्ट बंगाल एक गोल से परास्त

Social Share

कोलकाता, 3 सितम्बर। 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रहे मोहन बागान सुपर जाएंट्स को दिमित्री पेट्राटोस की शानदार प्रतिभा सहारा मिला और उसने रविवार को यहां भारत के सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट डूरंड कप के कड़ियल खिताबी मुकाबले में चिर प्रतिद्वंद्वी ईस्ट बंगाल एफसी को 1-0 से हराकर 22 वर्षों बाद सर्वजेता का गौरव अर्जित किया।

ऑस्ट्रेलियाई दिमित्री पेट्राटोस ने किया निर्णायक गोल

भव्य विवेकानंद युव भारतीय क्रीड़ांगन में खेले गए रोमांचक फाइनल के 62वें मिनट में अनिरुद्ध थापा को बाहर भेजे जाने के बाद मोहन बागान पर दबाव बढ़ गया था, लेकिन 71वें मिनट में पेट्राटोस ने शानदार एकल प्रयास से निर्णायक गोल कर दिया। एक तेज जवाबी हमले में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने 25 गज की दूरी से एक गोल करने से पहले, कुशलतापूर्वक पूर्वी बंगाल की रक्षापंक्ति को पार कर लिया। ईस्ट बंगाल के गोलकीपर प्रभसुखन सिंह गिल मूकदर्शक बने रहे।

17वीं बार खिताब पर किया अधिकार

वर्ष 1888 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट में दोनों कलकतिया दिग्गज यानी मोहन बागान और ईस्ट बंगाल का रिकॉर्ड सबसे जानदार रहा है। बागान ने जहां 17वीं बार खिताब जीता वहीं ईस्ट बंगाल भी 16 बार का विजेता रहा है। बागान ने आखिरी बार 2000 में खिताब जीता था, जब उसने महिंद्रा यूनाइटेड को गोल्डन गोल से हराया था।

मुकाबले की बात करें तो जैसे-जैसे घड़ी आगे बढ़ती गई, ईस्ट बंगाल के कोच कार्ल्स कुआड्राट ने तीन बदलाव किए और बराबरी हासिल करने के लिए अंतिम 10 मिनट में निशु कुमार, वीपी सुहैर और एडविन वैनस्पॉल को शामिल किया। मोहन बागान के उनके समकक्ष जुआन फेरांडो ने अपने बचाव में आठ खिलाड़ियों को लगाया और बीच में अनवर अली ने शानदार प्रदर्शन किया।

2004 के फाइनल में ईस्ट बंगाल के हाथों हार का हिसाब बराबर

तीखी नोकझोंक में ईस्ट बंगाल के सहायक कोच डिमास डेलगाडो की फेरांडो के साथ बहस हो गई। इसके बाद दूसरे हाफ के अतिरिक्त समय में डिमास डेलगाडो को लाल कार्ड मिला। 86वें मिनट में, एडविन वानस्पॉल ने बॉक्स के बाहर से लक्ष्य पर शॉट लगाने का प्रयास किया, लेकिन अनवर अली ने तुरंत प्रतिक्रिया दी, और समय पर ब्लॉक करके ईस्ट बंगाल को बराबरी का कोई मौका नहीं दिया। इसके साथ ही मोहन बागान ने 2004 के डूरंड कप फाइनल में ईस्ट बंगाल के हाथों 1-2 से मिली शिकस्त की हिसाब भी बराबर कर दिया। वह फाइनल दिल्ली के अंबेडकर स्टेडियम में खेला गया था।

बागान के नाम 11 वर्षों बाद राष्ट्रीय स्तर का खिताब

वर्ष 2004 के बाद दो और अवसरों पर बागान को फाइनल में मायूस होना पड़ा था। वर्ष 2009 में चर्चिल ब्रदर्स और 2019 में गोकुलम केरल ने बागान को मात दी थी। फिलहाल पूर्वी बंगाल की यह टीम 11 वर्षों बाद कोई राष्ट्रीय खिताब जीतने में सफल हुई है। अंतिम बार उसने 2012 में फेडरेशन कप जीता था।

दिलचस्प तो यह है कोलकाता की दो चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों की चार वर्षों में पहली मुलाकात इस बार की प्रतियोगिता की प्रारंभिक लीग में हुई थी, जब ईस्ट बंगाल ने 1-0 से जीत हासिल की थी। लेकिन फाइनल में बागान ने वह हिसाब भी बराबर कर दिया।