नई दिल्ली, 28 अगस्त। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि सभी परिवारों को तीन बच्चे पैदा करने चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण से बढ़ रहे आबादी का असंतुलन के बीच भविष्य में परिवार व्यवस्था बनी रहे और देश की सुरक्षा भी सुनिश्चित रहे, इसके लिए जरूरी है कि तीन बच्चे सभी परिवारों में रहें।
‘अवैध घुसपैठ को रोकने में हमें भी अपनी भूमिका निभानी होगी’
दरअसल, अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आरएसएस की ओर से देशभर में कार्यक्रमों का आयोजन होना है, जिसकी शुरुआत दिल्ली में तीन दिवसीय सम्मेलन हुई है। इस सम्मेलन में संघ प्रमुख मोहन भागवत समाज के विविध वर्गों से आने वाले लोगों से बात कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने गुरुवार को आयोजन के तीसरे दिन कई मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी है कि परिवार में तीन बच्चे होने चाहिए। इसके अलावा हमें अपनी भूमिका अवैध घुसपैठ को रोकने में भी निभानी होगी। सरकार अवैध घुसपैठ रोकने की कोशिश कर रही है, लेकिन समाज को भी अपनी भूमिका निभानी होगी।’
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— RSS (@RSSorg) August 28, 2025
‘हम अखंड भारत के समर्थक हैं और हमारा इस पर यकीन है’
डॉ. मोहन भागवत ने कहा, ‘हमने विभाजन का विरोध किया था। हम अखंड भारत के समर्थक हैं और हमारा इस पर यकीन है। हम सभी की एक पहचान है। सभी लोग हिन्दू हैं और उनकी एक ही पहचान है। एकता की बात वहां की जाए, जहां कोई अंतर हो।’
‘किसी वर्ग के खिलाफ अन्याय हुआ है तो उसे दूर करना चाहिए‘
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि धर्मांतरण और अवैध घुसपैठ के कारण ही देश में जनसंख्या का असंतुलन हुआ है। धर्म व्यक्तिगत पसंद का विषय है, इसमें किसी प्रकार का प्रलोभन या बल प्रयोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने एक बार फिर स्पष्ट किया कि हिन्दू समाज में एकता की जरूरत है। इसके लिए हमें मंदिर, श्मशान और कुंओं को एक रखना होगा। इस दौरान आरक्षण को लेकर एक सवाल पर उन्होंने कहा कि एक वर्ग के खिलाफ अन्याय हुआ है और उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं मिला तो उन्हें सहारा मिलना चाहिए।
भागवत ने यह भी स्पष्ट किया कि आरक्षण कब तक रहना चाहिए
मोहन भागवत ने यह भी कहा कि समाज में एकता के लिए यह जरूरी है कि कोई गड्ढे में गिरा है तो उसे हाथ देकर ऊपर खींचा जाए। इसी से समाज में एकता होगी। उन्होंने कहा, ‘हमें सद्भाव के साथ इस पर काम करना होगा। जब तक आरक्षण के लाभार्थियों को लगता नहीं है कि अब हम अपने बलबूते खड़े रहेंगे, तब तक हम इसके समर्थन में हैं। संविधान के तहत जितना आरक्षण दिया जा रहा है। हम उसके साथ हैं। हम समाज में जातिगत भेदभाव मिटाना चाहते हैं और इसके लिए हर तरह की खाई समाप्त करनी होगी।’

