नई दिल्ली, 14 अक्टूबर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गत 23 अगस्त को इतिहास रचा था, जब उसके तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया था। अब इसरो की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा एलान किया है। इस क्रम में प्रति वर्ष 23 अगस्त का दिन राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग ने शनिवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि चंद्रयान-3 की 23 अगस्त को मिली सफलता और विक्रम लैंडर व प्रज्ञान रोवर के चांद पर उतरने के साथ ही भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश और साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया। इसलिए भारत सरकार हर वर्ष की 23 अगस्त को बतौर राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने का एलान करती है।
गौरतलब है कि गत 23 अगस्त को चांद पर उतरने के बाद चंद्रयान-3 ने चंद्रमा को लेकर कई अहम जानकारियां भेजी हैं। इन तमाम आंकड़ों को देखकर दुनियाभर के वैज्ञानिकों को काफी मदद मिली है और कुछ तो आश्चर्यचकित हो गए। प्रज्ञान रोवर ने चांद पर सल्फर, वहां के तापमान, उनकी तस्वीरों समेत कई अहम इनपुट्स भेजे। 14 दिनों तक प्रज्ञान ने करीब 100 मीटर तक की चहलकदमी की और फिर इसके बाद चंद्रमा पर रात हो गई।
पिछले महीने की शुरुआत में ही विक्रम और प्रज्ञान को स्लीप मोड में डाल दिया गया था ताकि जब चांद पर रात खत्म हो तो 14 दिनों बाद फिर से उनके जगने की उम्मीद की जा सके। हालांकि, ऐसा हो नहीं सका और जब चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी पहुंची और दिन हुआ, तब भी प्रज्ञान और रोवर नहीं जागे। फिलहाल इसे लेकर इसरो के वैज्ञानिक निराश नहीं हैं क्योंकि जितने दिनों के लिए यह प्रोजेक्ट तय किया गया था, उतने दिनों तक चंद्रयान-3 ने काम कर लिया है और चांद से जुड़ीं तमाम अहम जानकारियां इसरो कमांड सेंटर को उपलब्ध करा दी हैं।