चंडीगढ़, 7 दिसम्बर। किसान आंदोलन की अगुआई कर रहे किसानों के नेता फिलहाल पीछे हटने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। इसी क्रम में पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को कहा कि किसानों को उनके मुद्दों पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है, लिहाजा 101 किसानों का एक समूह रविवार (आठ दिसम्बर) को दिल्ली की ओर मार्च शुरू करेगा।
गौरतलब है कि शुक्रवार को पंजाब-हरियाणा सीमा पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने के कारण कुछ किसानों के घायल होने के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी की ओर अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया था। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं।
सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसूगैस के गोले दागे जाने के कारण 16 किसान घायल
सरवन सिंह पंधेर ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसूगैस के गोले दागे जाने के कारण 16 किसान घायल हो गए। इनमें से एक की सुनने की क्षमता चली गई। उन्होंने कहा कि चार घायल किसानों को छोड़कर बाकी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
उन्होंने कहा, ‘हमें बातचीत के लिए केंद्र से कोई संदेश नहीं मिला है। (नरेंद्र) मोदी सरकार बातचीत के मूड में नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने पहले ही फैसला कर लिया है कि 101 किसानों का एक जत्था रविवार दोपहर को शांतिपूर्ण तरीके से फिर से राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करेगा।’
इसके पूर्व हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाई गई बहुस्तरीय बैरिकेडिंग के कारण ‘जत्थे’ को रोक दिया गया। निषेधाज्ञा की अनदेखी कर किसानों ने अवरोधकों को पार करने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया और आंसू गैस के कई गोले दागे, ताकि वे पंजाब में पड़ने वाले शंभू में अपने विरोध स्थल पर वापस चले जाएं।
प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ सुरक्षाकर्मियों की काररवाई पर पंधेर ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार का पर्दाफाश हो गया है। पंधेर ने कहा, ‘उन्होंने कल क्या किया? लोग इस काररवाई से नाराज हैं। लोग भाजपा से पूछ रहे हैं कि चूंकि किसान अपने साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जा रहे थे, तो उन्हें आगे क्यों नहीं बढ़ने दिया गया।’ इस बीच खनौरी बॉर्डर पर एक और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है। किसानों का दावा है कि डल्लेवाल का आठ किलो वजन कम हो गया है।