नई दिल्ली, 5 अगस्त। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जीडीपी का ढाई प्रतिशत बजट स्वास्थ्य क्षेत्र में आवंटित करने की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रही है और उसने पिछले दस साल में स्वास्थ्य बजट आवंटन में 164 प्रतिशत की वृद्धि की है।
नड्डा ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पूरी ईमानदारी, पूरी ताकत के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है और दुनिया ने माना है कि भारत स्वास्थ्य क्षेत्र में एक उदाहरण बन गया है। दुनिया के सारे लोग आयुष्मान भारत के मॉडल का अध्ययन कर रहे हैं।’’
लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्री @JPNadda वर्ष 2024-25 के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जबाब देते हुए |@MoHFW_INDIA @ombirlakota @AnupriyaSPatel @LokSabhaSectt pic.twitter.com/Kv9keUTF2v
— SansadTV (@sansad_tv) August 5, 2024
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के ये प्रयास स्वास्थ्य क्षेत्र में दूरगामी प्रभाव छोड़ने वाले हैं। स्वास्थ्य मंत्री के जवाब के बाद सदन ने कुछ विपक्षी सांसदों के कटौती प्रस्तावों को अस्वीकृत करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान मांगों को पारित कर दिया। नड्डा ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट आवंटन कम होने के विपक्षी सदस्यों के दावों के संदर्भ में कहा, ‘‘वर्ष 2013-14 में स्वास्थ्य बजट 33,278 करोड़ रुपये का था जो आज 90,958 करोड़ रुपये का हो गया है।’’
उन्होंने कहा कि बजट में पिछले दस वर्ष में 164 प्रतिशत की यह बढ़ोतरी दर्शाती है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को कितनी प्राथमिकता और कितना महत्व देती है। नड्डा ने कहा कि सरकार ने 2017 की स्वास्थ्य नीति में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.5 प्रतिशत स्वास्थ्य पर खर्च करने का लक्ष्य तय किया था और इस दिशा में सरकार तीव्र गति से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बजट में जीडीपी का 1.9 प्रतिशत स्वास्थ्य के लिए आवंटित किया है।
नड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत राज्यों को ताकत दे रही है और कुल स्वास्थ्य बजट का 55 प्रतिशत एनएचएम के माध्यम से खर्च किया जाना है। उन्होंने कहा कि सरकार बजट बढ़ाने के साथ स्वास्थ्य और चिकित्सा पर लोगों की जेब से होने वाले खर्च को भी कम करने के लिए अनेक प्रयास कर रही है।