नई दिल्ली, 28 जून। केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को सौगात देते हुए बुधवार को 2023-24 सत्र के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 10 रुपये बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। एफआरपी वह न्यूनतम मूल्य है, जिसे चीनी मिलों की ओर से गन्ना किसानों को देना होता है। गन्ना सत्र अक्टूबर से शुरू होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गन्ने के लाभकारी मूल्य सहित अन्य अहम प्रस्तावों पर अंतिम मुहर लगाई गई। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी दी।
अनुराग ठाकुर ने बताया कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने गन्ने का न्यूनतम मूल्य बढ़ाने का फैसला किया। सत्र 2023-24 के लिए गन्ने का एफआरपी 315 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। पिछले सत्र में गन्ने का न्यूनतम मूल्य 305 रुपये प्रति क्विंटल था।
ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हमेशा ‘अन्नदाता’ के साथ हैं। सरकार हमेशा कृषि और किसानों को प्राथमिकता देती रही है। उन्होंने कहा कि गन्ने का न्यूनतम मूल्य 2014-15 में 210 रुपये प्रति क्विंटल था। अब वह बढ़कर 2023-24 में 315 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
प्रेस ब्रीफिंग में मौजूद केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि कैबिनेट ने वैकल्पिक उर्वरकों और रासायनिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के क्रम में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को प्रोत्साहित करने, मिट्टी के स्वास्थ्य को बचाने, जागरूकता सृजन, पोषण और सुधार के लिए पीएम-प्रणाम को मंजूरी दी