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मोदी सरकार का दिवाली से पहले तोहफा : रेलवे कर्मचारियों को बोनस, किसानों व मध्यम वर्ग के लिए एक लाख करोड़ की दो योजनाएं मंजूर

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नई दिल्ली, 3 अक्टूबर। मोदी सरकार ने दिवाली से पहले रेलवे कर्मचारियों और किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। इस क्रम में गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों की आय बढ़ाने के लिए जहां दो बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी गई वहीं रेलवे कर्मचारियों को भी बोनस देने पर सहमति जताई गई।

किसानों व मध्यम वर्ग से जुड़ी कई योजनाओं को मंजूरी दी गई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की विस्तृत जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अलावा किसानों व मध्यम वर्ग से जुड़ी कई योजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा चेन्नई मेट्रो फेज-2 को भी मंजूरी दी गई है।

दो योजनाओं के लिए 1,01,321 करोड़ रुपये का बजट तय

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज कैबिनेट बैठक में जो सबसे बड़ा फैसला लिया गया, वह किसानों की आय बढ़ाने और मध्यम वर्ग के लोगों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने से जुड़ा है। इसके दो स्तंभ हैं – पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्नति योजना। इन दोनों योजनाओं के लिए 1,01,321 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। इन दोनों के अंतर्गत 9-9 योजनाएं शामिल की गई हैं। इसमें से कई योजनाओं का सीधा कनेक्शन किसानों की आय और मिडिल क्लास परिवारों की थाली से है।

रेलवे कर्मचारियों को 2028.57 करोड़ रुपये के 78 दिनों का बोनस

दूसरी तरफ रेलवे में उत्कृष्ट प्रदर्शन को मान्यता देते हुए कैबिनेट ने 11,72,240 रेलवे कर्मचारियों को 2028.57 करोड़ रुपये के 78 दिनों के बोनस के भुगतान को मंजूरी दी है। यह राशि विभिन्न श्रेणियों के रेलवे कर्मचारियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य ग्रुप एक्ससी कर्मचारियों को दी जाएगी।

119 किमी के चेन्नई मेट्रो फेज 2 को मंजूरी, 63,246 करोड़ खर्च होंगे

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि चेन्नई मेट्रो फेज 2 को भी मंजूरी प्रदान की गई है। इस पर 63,246 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह फेज 119 किलोमीटर का होगा। इसमें 120 स्टेशन होंगे। इसके निर्माण के लिए केंद्र और राज्य का 50-50 फीसदी शेयर होगा।

5 अन्य भाषाओं को Classical भाषा का दर्जा दिया गया

इसके साथ ही 5 अन्य भाषाओं को Classical भाषा का दर्जा दिया गया है। मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषा को क्लासिकल भाषा का दर्जा दिया गया है। तमिल, संस्कृत, तेलगु, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया को पहले से ही क्लासिकल भाषा का दर्जा प्राप्त था।

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