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कैबिनेट के फैसले : संसद के शीतकालीन सत्र में रद होंगे तीनों कृषि कानून, पीएमजीकेएवाई मार्च तक बढ़ी

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नई दिल्ली, 24 नवंबर। केंद्र सरकार ने विवादास्पद तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर मुहर लगा दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी।

अनुराग ठाकुर ने बताया कि बैठक में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। अगले हफ्ते संसद की कार्यवाही शुरू होगी, जहां दोनों सदनों में कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने गत 19 नवंबर को पूर्वाह्न राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना 4 माह के लिए बढ़ी

ठाकुर ने यह भी बताया कि कोविड महामारी के दौरान लागू गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को चार महीने और बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इस योजना के अंतर्गत देश के 80 करोड़ से ज्यादा परिवारों को मार्च, 2020 से ही 5 किलो गेंहू और चावल मुफ्त में दिया जा रहा है। यह योजना अब मार्च, 2022 तक जारी रहेगी।

कैबिनेट के अन्य अहम फैसले

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना (नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम) को भी अगले पांच वर्षों के लिए जारी रखने की मंजूरी दी। इसके अंतर्गत प्रशिक्षुओं को 3,054 करोड़ रुपये की वृत्तिका (स्टाइपेंड) सहायता प्रदान की जाएगी।

इसी क्रम में “वायुमंडल और जलवायु अनुसंधान-मॉडलिंग प्रेक्षण प्रणाली एवं सेवाओं (एक्रॉस)” की समग्र योजना को 14वें वित्त आयोग से लेकर अगले वित्त आयोग के चक्र (2021-2026) तक जारी रखने की मंजूरी प्रदान की गई। इसके लिए 2,135 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी।

कैबिनेट ने अम्ब्रेला योजना “महासागर सेवाएं, मॉडलिंग, अनुप्रयोग, संसाधन और प्रौद्योगिकी (ओ-स्मार्ट)” को जारी रखने की मंजूरी दी। इस योजना पर 2,177 करोड़ रुपये का व्यय होगा।

मंत्रिमंडल ने केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में बिजली वितरण और खुदरा आपूर्ति कारोबार के निजीकरण को भी मंजूरी दी।

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