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मोदी कैबिनेट का फैसला : वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा विकसित किया जाएगा

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नई दिल्ली, 19 जून। केंद्र सरकार ने वाराणसी में बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को विकसित करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार की शाम हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। हवाई अड्डे की विकास योजना में नया टर्मिनल भवन, एप्रन एक्सटेंशन, रनवे एक्सटेंशन, समानांतर टैक्सी ट्रैक और संबद्ध कार्यों का निर्माण शामिल है।

बाबतपुर एयरपोर्ट के विकास पर लगभग 2869.65 करोड़ रुपये खर्च होंगे

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय रेलवे और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि हवाई अड्डे पर यात्री प्रबंधन क्षमता को मौजूदा 3.9 एमपीपीए से बढ़ाकर 9.9 मिलियन यात्री प्रति वर्ष (एमपीपीए) करने पर अनुमानित वित्तीय व्यय 2869.65 करोड़ रुपये का होगा।

नई टर्मिनल बिल्डिंग पीक ऑवर में 5 हजार यात्रियों को संभालेगी

75,000 वर्ग मीटर में फैली नई टर्मिनल बिल्डिंग को 6 एमपीपीए की क्षमता और 5000 पीक ऑवर यात्रियों (पीएचपी) के उचित प्रबंधन के लिए डिजाइन किया गया है। इसे शहर की विशाल सांस्कृतिक धरोहर की झलक दिखाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस प्रस्ताव में रनवे को 4075 मीटर x 45 मीटर तक विस्तारित करना और 20 विमानों को पार्क करने के लिए एक नए एप्रन का निर्माण करना शामिल है।

हरित हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जाएगा वाराणसी एयरपोर्ट

वस्तुतः वाराणसी हवाई अड्डे को हरित हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसका मुख्‍य उद्देश्य ऊर्जा अनुकूलन, अपशिष्ट के पुनर्चक्रण, कार्बन उत्सर्जन में कमी, सौर ऊर्जा का उपयोग, तथा दिन के प्राकृतिक प्रकाश को शामिल करके पर्यावरणीय निरंतरता सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही योजना, विकास और परिचालन के समस्‍त चरणों में अन्य टिकाऊ या सतत उपाय भी किए जाएंगे।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ की 14 फसलों के लिए MSP में वृद्धि को दी मंजूरी

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मंत्रिमंडल के अन्य फैसलों में प्रमुख रूप से विपणन सत्र 2024-25 के लिए सभी 14 आवश्यक खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दिया जाना शामिल है।

महाराष्ट्र के वधावन में ग्रीनफील्ड डीपड्राफ्ट प्रमुख बंदरगाह का विकास होगा

इसके अलावा महाराष्ट्र के वधावन में एक ‘सभी मौसमों के अनुकूल ग्रीनफील्ड डीपड्राफ्ट प्रमुख बंदरगाह के विकास’ को मंजूरी दी गई। इस परियोजना की कुल लागत 76,220 करोड़ रुपए है। इस परियोजना से प्रति वर्ष 298 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) की संचयी क्षमता सृजित होगी।

अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वीजीएफ योजना को मंजूरी

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) योजना को मंजूरी दी। इस योजना का उद्देश्य भारत में पहली बार अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करना है।

राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजनास्वीकृत

कैबिनेट ने केंद्रीय क्षेत्र की योजना राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना संवर्धन योजना (NFIES) को मंजूरी दी। इस योजना का उद्देश्य साक्ष्यों की वैज्ञानिक और समयबद्ध फोरेंसिक जांच के आधार पर एक प्रभावी और कुशल आपराधिक न्याय प्रणाली स्थापित करना है। नेशनल फॉरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर एन्हांसमेंट स्कीम के तहत परिसरों, प्रयोगशालाओं और अवसंरचना विकास के लिए 2254.43 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय का अनुमान है।