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मोदी कैबिनेट ने बैटरी स्टोरेज के लिए 18.1 हजार करोड़ की पीएलआई योजना को दी मंजूरी

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नई दिल्ली, 12 मई। केंद्र सरकार ने देश में उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निवेश पर जोर देने का फैसला लिया है। इसी क्रम में बुधवार को आहूत केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने और ‘मेक इन इंडिया’ योजना साकार करने की दृष्टि से बैटरी स्टोरेज बढ़ाने के लिए 13 क्षेत्रों में 13,100 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को स्वीकृति प्रदान की गई।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नई प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव स्कीम के तहत आयात कम होगा और भारत में उत्पादन शुरू होगा। इससे इलेक्ट्रिक ह्वीकल को काफी बढ़ावा मिलेगा।

जावड़ेकर ने कहा कि 18,100 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव स्कीम को मिलने से 50,000 मेगावाट बिजली उत्पादन भारत में बढ़ने का अनुमान है और इससे भारत की ग्रीन ग्रोथ में योगदान किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित योजना देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगी।

उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में एडवांस केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज के राष्ट्रीय कार्यक्रम को भी मंजूरी दी गई। एडवांस केमिस्ट्री सेल से एनर्जी को केमिकल फॉर्म में स्टोर किया जाता है और इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कारों में किया जाता है। फिलहाल भारत इसका बड़े पैमाने पर आयात करता है। सरकार इसके आयात को कम करना चाहती है ताकि घरेलू स्तर पर इसका उत्पादन बढ़ाया जा सके।

जावड़ेकर ने कहा, ‘इससे आगे चलकर बड़े पैमाने पर ईंधन का आयात भी कम करने में मदद मिलेगी। इसके माध्यम से देशभर में 45 हजार करोड़ का निवेश आएगा। इस योजना से इलेक्ट्रिकल ह्वीकल योजना को भी लाभ मिलेगा और जब हम बैटरी स्टोरेज का इस्तेमाल करेंगे तो कोयला भी बचेगा।’

इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ट्वीट कर पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है। नड्डा ने कहा, ‘मैं पीएम नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने बैटरी स्टोरेज के निर्माण के लिए 18,100 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी। यह निर्णय मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगा, स्टार्ट-अप के लिए संभावनाएं खोलेगा, रोजगार सृजित करेगा, रेलवे जैसे विभिन्न क्षेत्रों को लाभान्वित करेगा, शिपिंग और भारत को आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा।’