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बांग्लादेश : ढाका में इस्कॉन मंदिर पर भीड़ का हमला, तोड़फोड़ और लूटपाट

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ढाका, 18 मार्च। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित इस्कॉन (ISKCON) राधाकांत मंदिर पर गुरुवार को कट्टरपंथियों की भीड़ ने हमला कर दिया। इस भीड़ ने मंदिर में तोड़फोड़ की और लूटपाट भी मचाई। इस घटना में मंदिर से जुड़े कई सदस्य घायल भी हो गए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 200 लोगों की भीड़ ने ढाका के वारी में 222 लाल मोहन साहा गली स्थित इस्कॉन मंदिर में लगभग शाम सात बजे हमला किया। इस भीड़ का नेतृत्व हाजी सैफुल्लाह कर रहा था।

वहीं, इस घटना पर ‘द वॉयस ऑफ बांग्लादेशी हिन्दू’ की ओर से एक ट्वीट में कहा गया, ‘शब-ए-बारात की रात चरमपंथी फिर से ढाका में वारी राधाकांत इस्कॉन मंदिर पर हमला कर रहे हैं। हम सभी हिन्दुओं से मंदिर की रक्षा में अपनी भूमिका निभाने का अनुरोध कर रहे हैं।’ इस ट्वीट के साछ तस्वीरें भी साझा की गई हैं। संगठन ने यह भी दावा किया कि जब कट्टरपंथी समूह ढाका में इस्कॉन मंदिर पर हमला कर रहे थे, तब पुलिस ने कोई काररवाई नहीं की।

इस्कॉन कोलकाता के वाइस-प्रेसिडेंट राधारमण दास ने बताया, ‘बीती शाम जब श्रद्धालु गौर पूर्णिमा उत्सव की तैयारी कर रहे थे, 200 लोगों की भीड़ ने श्री राधाकांत मंदिर, ढाका के परिसर में प्रवेश किया और उन पर हमला किया। हाथापाई में सुमंत्रा चंद्र श्रवण, निहार हल्दार, राजीव भद्र और अन्य कई लोग भी जख्मी हुए हैं।  सौभाग्य से उन्होंने पुलिस को बुलाया और बदमाशों को भगाने में सफल रहे।’

पिछले वर्ष दुर्गा पूजनोत्सव के दौरान भी मंदिरों और हिन्दुओं को बनाया गया था निशाना

इससे पहले पिछले वर्ष बांग्लादेश में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा और इस्कॉन सहित कुछ मंदिरों पर भीड़ द्वारा हमले का मामला सामने आया था। गत 13 अक्टूबर को उस समय हिंसा भड़क उठी थी, जब इस्लाम की पवित्र किताब कुरान की एक प्रति कोमिल्ला में दुर्गा पूजा के दौरान हिन्दू देवी के पैर में रखी मिली थी।

पुलिस ने कुरान की प्रति शरारतपूर्ण तरीके से रखने के आरोप में इकबाल हुसैन नाम के शख्स को गिरफ्तार भी किया था। पूर्व में भी कुछ ऐसी ही घटनाएं ढाका के टीपू सुल्तान रोड और चिटगॉन्ग के कोतवाली में भी हुई थीं, जब वहां अल्पसंख्यक हिन्दुओं को निशाना बनाया गया था।

बांग्लादेश में हिन्दुओं पर पिछले नौ वर्षों में 3,600 से ज्यादा हमले

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक अधिकारों पर काम कर रही संस्था एकेएस के अनुसार पिछले नौ वर्षों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को 3,679 बार हमलों का सामना करना पड़ा। इस दौरान 1,678 मामले धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ और हथियारबंद हमलों के सामने आए। इसके अलावा घरों-मकानों में तोड़-फोड़ और आगजनी समेत हिन्दू समुदाय को निशाना बनाकर लगातार हमले किए गए।

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