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राजू पाल हत्याकांड : विधायक पूजा पाल ने अदालत के निर्णय का किया स्वागत 

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प्रयागराज/लखनऊ 29 मार्च। प्रयागराज के बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड में आज लखनऊ की एक अदालत द्वारा अभियुक्तों को दोषी करार दिए जाने के निर्णय का राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने स्वागत किया। लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इन अभियुक्तों को फांसी की सजा होनी चाहिए थी। लखनऊ की एक विशेष सीबीआई अदालत ने बसपा के विधायक रहे राजू पाल की 2005 में हुई हत्या के मामले में शुक्रवार को सात लोगों को दोषी ठहराया। इस मामले में माफिया से नेता बना अतीक अहमद भी आरोपित था।

अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2016 में मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। लखनऊ में विशेष सीबीआई न्यायाधीश ने मामले में रणजीत पाल, आबिद, फरहान अहमद, इसरार अहमद, जावेद, गुलहसन और अब्दुल कवि को आपराधिक साजिश और हत्या सहित अन्य गंभीर आरोपों में दोषी ठहराया। आरोपी फरहान अहमद को भारतीय शस्त्र अधिनियम के तहत भी दोषी ठहराया गया।

पूजा पाल ने बताया, “मैं अदालत के निर्णय से संतुष्ट हूं लेकिन इन अभियुक्तों को फांसी की सजा होनी चाहिए थी क्योंकि एक विधायक की दिनदहाड़े हत्या की गई और शव नहीं दिया गया।” उन्होंने कहा कि विधायक के साथ ही दो अन्य लोगों की दिनदहाड़े हत्या की गई। ‘‘यह अपराध इतना जघन्य है कि इसमें दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए थी। इससे अपराध करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा।’’

उल्लेखनीय है कि शहर पश्चिम से बसपा विधायक राजू पाल की जनवरी, 2005 में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद पूजा पाल भी कई बार विधायक निर्वाचित हुई। प्रयागराज जिले में 2022 में भी वह समाजवादी पार्टी से विधायक चुनी गयीं।

लखनऊ की एक विशेष सीबीआई अदालत ने बसपा के विधायक रहे राजू पाल की 2005 में हुई हत्या के मामले में शुक्रवार को सात लोगों को दोषी ठहराया। इस मामले में माफिया से नेता बना अतीक अहमद भी आरोपी था। अधिकारियों ने बताया कि अतीक अहमद, उसके भाई एवं मुख्य आरोपी खालिद अजीम उर्फ अशरफ और गुलबुल उर्फ रफीक के खिलाफ सुनवाई उनकी मृत्यु के बाद बंद कर दी गई थी।

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता राजू पाल की अतीक अहमद के भाई अशरफ के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के परिणामस्वरूप 25 जनवरी 2005 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राजू पाल ने नवंबर 2004 में प्रयागराज पश्चिम सीट पर हुए उपचुनाव में अतीक के छोटे भाई मोहम्मद अशरफ को हराकर जीत हासिल की थी। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पिछले साल 15 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।