आइजोल, 7 नवम्बर। मिजोरम में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की जीत और त्रिशंकु विधानसभा न होने का विश्वास जताते हुए मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी का राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन नहीं हैं और केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को उसका समर्थन ‘मुद्दा-आधारित’ है।
‘पड़ोसी देशों से भाग कर आ रहे लोग मिजोरम में सुरक्षित महसूस करते हैं’
जोरमथांगा ने कहा कि ‘जो’ जनजातियों को एकीकृत करने के एमएनएफ के प्रयासों से पार्टी को चुनावी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि म्यांमा, बांग्लादेश और मणिपुर से भाग कर आ रहे लोग मिजोरम में सुरक्षित महसूस करते हैं, जहां उनकी पार्टी का शासन है।
40 सीटों वाली राज्य विधानसभा के लिए मतदान
मिजोरम में 40 विधानसभा सीटों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान के बीच आइजोल में अपना वोट डालने से पहले पत्रकारों से बातचीत में जोरमथांगा ने कहा कि एमएनएफ वित्तीय बाधाओं के बावजूद विभिन्न विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन और विपक्षी दलों द्वारा अच्छे उम्मीदवार न उतार पाने समेत कई कारणों से चुनाव जीतेगी।
राज्य में भाजपा के साथ कोई संबंध या गठबंधन नहीं, केंद्र में समर्थन मुद्दा-आधारित
भाजपा से अपनी पार्टी की दूरी बनाने की कवायद में उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्र में एनडीए के साझेदार हैं और हमारा समर्थन मुख्यत: मुद्दा-आधारित है। राज्य में हमारा भाजपा के साथ कोई संबंध या गठबंधन नहीं है।’’ एमएनएफ अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी मिजो उप-राष्ट्रवाद पर ध्यान केंद्रित कर रही है और सभी जो जनजातियों को एकीकृत करने के लिए काफी प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘म्यांमा, बांग्लादेश और मणिपुर से भाग कर आए लोग एमएनएफ सरकार में सुरक्षित महसूस करते हैं।’’
शरणार्थियों और मणिपुर से विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए कदम उठाएंगे
जोरमथांगा (79) ने कहा कि एमएनएफ सत्ता में लौटने पर आवश्यकता के अनुसार, पूर्वनिर्मित मकानों का निर्माण कर म्यांमा और बांग्लादेश से आए । उन्होंने कहा कि हालांकि, सरकार की सर्वोच्च आकांक्षा यही है कि इन स्थानों पर शांति तथा सामान्य स्थिति बहाल हो। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी सबसे बड़ी आकांक्षा यह है कि म्यांमा, मणिपुर और बांग्लादेश में शांति आए और केंद्र इस दिशा में अपने प्रयास जारी रखे ताकि लोग अपने पैतृक स्थानों की ओर लौट सकें।’’