आइजोल, 12 अक्टूबर। ईसाई बहुल मिजोरम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) सहित सभी मुख्य राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर विधानसभा चुनाव की मतगणना की तारीख बदलने की मांग की है। चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के मुताबिक, यहां विधानसभा चुनाव के लिए मतदान सात नवंबर (मंगलवार) को होगा और मतगणना तीन दिसंबर (रविवार) को निर्धारित की गई है।
चुनाव आयोग को पत्र लिखने वालों में जोरम पीपुल्स मूवमेंट और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस भी शामिल हैं। इसके अलावा राज्य के प्रमुख चर्चों के समूह ‘मिजोरम कोहरान ह्रुएतुते कमेटी’ (एमकेएचसी) ने भी चुनाव आयोग को एक पत्र भेजकर मतगणना की तारीख बदलने का आग्रह किया है।
इन सभी का तर्क है कि रविवार का दिन ईसाइयों के लिए खास होता है और उसी दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है इसलिए उस दिन मतगणना नहीं की जानी चाहिए। चुनाव आयोग ने सोमवार को पांच राज्यों मिजोरम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है।
मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा और तीन दिसंबर को मतगणना होगी। एमकेएचसी ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को लिखे अपने पत्र में कहा कि रविवार ईसाइयों के लिए पवित्र दिन होता है और उस दिन सभी कस्बों और गांवों में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
पत्र में आग्रह किया गया है कि मतगणना की तारीख आगे बढ़ा दी जाए। भाजपा ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मतगणना की तारीख स्थगित करने का आग्रह किया। सत्तारूढ़ एमएनएफ ने मतगणना की तारीख को चार दिसंबर यानी सोमवार को पुनर्निर्धारित करने का आग्रह किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लालसावता ने चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र में कहा कि रविवार मिजोरम के लोगों के लिए एक पवित्र दिन है और इस दिन यहां कोई आधिकारिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किये जाते हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से मिजो लोगों की भावनाओं का सम्मान करने का आग्रह करते हुए मतगणना को सोमवार और शुक्रवार के बीच किसी भी दिन पुनर्निर्धारित करने का अनुरोध किया। साल 2011 की जनगणना के अनुसार, मिजोरम में इसाइयों की आबादी करीब 87 फीसदी है।