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यूपी में धर्मांतरण रैकेट के तीन और सदस्यों को पुलिस ने दबोचा, अब तक 14 आरोपी गिरफ्तार

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लखनऊ, 24 जुलाई। मिशन अस्मिता के तहत पिछले दिनों अवैध धर्मांतरण के गिरोह का भंडाफोड़ करने वाली आगरा पुलिस ने बुधवार को गिरोह के तीन और सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही अब तक गिरोह के 14 सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ चुके है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अवैध धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का खुलासा करते हुये आगरा पुलिस ने 22 फरवरी तक 11 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था।

गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने आज आईएसबीटी से तीन और सदस्यों को धर दबोचा। उन्होने बताया कि गिरफ्तार लोगों को जुनैद कुरैशी (30), अब्दुल्ला (20) और अब्दुल रहीम (27) शामिल है। तीनों नार्थ ईस्ट दिल्ली के निवासी हैं। उन्होने बताया कि हरियाणा की रहने वाली अनुसूचित जाति की युवती जिसे अब्दुल रहमान ने बंधन बना रखा था, का जबरन निकाह राजस्थान से एक काजी बुला कर जुनैद से कराया था।

पकड़े गये तीनों अभियुक्त युवतियों को अपने प्रेम जाल में फंसाते थे, फिर अब्दुल रहमान जो मौलाना कलीम सिद्दिकी के संपर्क में था, उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराता था। साथ ही फर्जी दस्तावेज बनवाते थे। गिरफ्तार युवकों के पास से बड़ी तादाद में इस्लामिक साहित्य और मोबाइल फोन जिसमें संदिग्ध डाटा मिला है।

गौरतलब है कि आगरा पुलिस ने पिछले 19 जुलाई को एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुये देश के छह राज्यों से दस लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपी छद्म नाम से गैर मुस्लिम युवतियों से दोस्ती कर उन्हे प्रेमजाल में फंसाते थे और बाद में उन्हे इस्लाम अपनाने पर मजबूर किया जाता था। शुरुआती जांच में इस गिरोह का संबंध पीएफआई, एसडीपीआई और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से होने के संकेत मिले हैं।

इस घटना के संबंध में बंगाल, गोवा, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 11 टीमों को लगाया गया था जिन्होने आयशा (एसबी कृष्णा) गोवा, अली हसन (शेखर राय) कोलकाता, ओसामा-कोलकाता, रहमान कुरैशी-आगरा, अब्बू तालिब-खालापार, मुजफ्फरनगर,अबुर रहमान-देहरादून, मोहम्मद अली – जयपुर,राजस्थान, जुनैद कुरैशी-जयपुर, मुस्तफा (मनोज)-दिल्ली, मोहम्मद अली-जयपुर को गिरफ्तार किया गया है।

आगरा पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में उत्तर प्रदेश की विशेष एजेंसी एटीएस और एसटीएफ भी शामिल थी। अब इस मामले की आगे की जांच के लिए अन्य राज्यों की पुलिस तथा केंद्रीय जांच एजेंसी के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगरा जिले में पिछली मार्च में दो सगी बहनों जिनकी उम्र 33 वर्ष और 18 वर्ष की थी गुमशुदगी का मामला उनके परिवार में दर्ज कराया था। जिसमें धारा 87, 111(3), 111(4) और 3/5 उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म सा परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

घटना की जांच के दौरान सदर बाजार पुलिस और साइबर पुलिस को रेडिकलाइजेशन लव जिहाद में शामिल लोगों के बारे में पता चला, जिनकी फंडिंग कनाडा और अमेरिका से हो रही थी। आगरा पुलिस ने इसकी जानकारी डीजीपी मुख्यालय और अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था को दी, जिसके बाद इस पूरे मामले की गहनता से जांच शुरू हुई।

इस नेटवर्क में लव जिहाद का उपयोग कर तथा विदेश से प्राप्त धन से धन परिवर्तन व रेडिकलाइजेशन के सबूत मिले हैं। गिरफ्तार अभियुक्त पूरे नेटवर्क में अलग-अलग रोल निभाते थे। जैसे फंड प्राप्त करना, फंड को चैनेलाइज करना, सेफ हाउस बनाना, लीगल एडवाइस देना, नए फोन व सिम प्रदान करना, प्रेम जाल में फसना, धर्म परिवर्तन के लिए सब्जबाग दिखाकर प्रेरित करना, धर्म परिवर्तन के लिए कागज तैयार करना व रेडीकलाइजेशन करना आदि शामिल है। गौरतलब है कि पुलिस ने एक नया मिशन अस्मिता लॉन्च किया था।

इसके तहत पूर्व में अवैध धर्म परिवर्तन के सिंडिकेट के दो लोगों गौतम और मुफ्ती जहांगीर आलम को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। अभी हाल ही में बलरामपुर के उतरौला में धर्म परिवर्तन करने वाले जमालुद्दीन उर्फ ठाकुर के सिंडिकेट को एटीएस और एसटीएफ ने पर्दाफाश किया था।

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