लखनऊ, 23 अप्रैल। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के नाराजगी खबरें सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हैं। दरसअल शनिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रईस चंद्र शुक्ल ने भाजपा ज्वॉइन कर ली। यह वही सपा नेता हैं, जिन्होंने 2022 विधानसभा में नंदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उस समय सपा में भी शुक्ल के खिलाफ आवाज उठी थी कि वह भाजपा के एजेंट हैं।
इस पूरे मुद्दे को लेकर मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी के मीडिया सलाहकार बालाजी केसरवानी ने बताया कि नंदी ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि शुक्ल को भाजपा में शामिल कराने से पहले उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। नंदी ने लिखित बयान जारी करके कहा है, ‘स्थानीय विधायक की अवहेलना और उपेक्षा की गई है, विपक्षी उम्मीदवार को पार्टी ज्वॉइन कराना बेहद गंभीर प्रकरण है और गहरी साजिश है।’
‘कुछ लोग पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी की तरह चलाना चाहते हैं’
नंदी ने इसे भाजपा की रीति और नीति के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा, ‘पार्टी के लोकतांत्रिक मूल्यों में गहरी आस्था के सिद्धांत के खिलाफ फैसला लिया गया है, जो लोग पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी की तरह चलाना चाहते हैं और अपनी हठधर्मिता से पार्टी को लगातार चोट पहुंचा रहे हैं उनकी घोर निंदा करता हूं।’ नंदी ने कहा यह रवैया पार्टी की मूल वैचारिकी और कार्य पद्धति के खिलाफ है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को रईस को भाजपा की सदस्यता दिलाई
गौरतलब है कि शनिवार को ही यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भाजपा कार्यालय में रईस चंद्र शुक्ल को पार्टी की सदस्यता दिलाई। बीते विधानसभा चुनाव में प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने रईस चंद्र को अपना प्रत्याशी बनाया था। हालांकि इस सीट पर सपा से विधायक रहे हाजी परवेज अहमद प्रबल दावेदार थे, लेकिन आखिरी समय में उनका टिकट काटकर सपा ने शुक्ल को अपना उम्मीदवार बनाया। फिलहाल रईस चंद्र को भाजपा नेता नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने हरा दिया था।
रईस चंद्र शुक्ल मुख्य रूप से व्यवसायी हैं और प्रदेश के बड़े कारोबारियों में इनकी गिनती है। उनका मुख्य काम तेंदूपत्ता का है और वह कई पेट्रोल पंपों के मालिक हैं। वह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 2015 में एमएलसी का भी चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन तब उन्हें सपा के प्रत्याशी ने हराया था।