नई दिल्ली, 29 दिसम्बर। भारत निर्वाचन आयोग ने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट ईवीएम’ का एक शुरुआती मॉडल विकसित किया है, जिसके जरिये एक मतदान केंद्र से 72 निर्वाचन क्षेत्रों में ‘रिमोट वोटिंग’ की सुविधा दी जा सकेगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने कहा, ‘रिमोट वोटिंग एक परिवर्तनकारी पहल साबित होगी।’
सीईसी राजीव कुमार बोले – रिमोट वोटिंग एक परिवर्तनकारी पहल साबित होगी
निर्वाचन आयोग के एक बयान के अनुसार आयोग ने ‘रिमोट वोटिंग’ पर एक अवधारणा पत्र जारी किया है और इसे लागू करने में पेश होने वाली कानूनी, प्रशासनिक प्रक्रियात्मक, तकनीकी तथा प्रौद्योगिकी संबंधी चुनौतियों पर राजनीतिक दलों के विचार मांगे हैं। आयोग ने 16 जनवरी को घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट ईवीएम’ का शुरुआती मॉडल दिखाने के वास्ते सभी दलों को आमंत्रित किया है।
‘रिमोट ईवीएम’ का शुरुआती मॉडल देखने के लिए सभी दल 16 जनवरी को आमंत्रित
गौरतलब है कि इसी वर्ष जून में आयोग ने बताया था कि दूसरे राज्यों में रह रहे प्रवासी वोटर्स चुनावों में वोट नहीं डाल पाते और वोटिंग के अधिकार से वंचित रह जाते हैं, इसलिए रिमोट वोटिंग की संभावनाएं तलाशी जा रहीं हैं। रिमोट वोटिंग का मतलब है कि आप जहां, जिस राज्य में हैं वहीं पर अपना वोट डाल सकते हैं।
इस व्यस्था की मांग NRIs भी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में 2013 में प्रवासियों ने वोटिंग का अधिकार देने के लिए याचिका दायर की थी। इसमें दलील दी थी कि बस नियमों में बदलाव करके ही NRIs को वोटिंग का अधिकार दिया जा सकता है और इसके लिए कानून में संशोधन करने की जरूरत नहीं है।