नई दिल्ली, 16 दिसंबर। ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर टेक्नोक्रेट ई. श्रीधरन ने सक्रिय राजनीति से अलग होने का फैसला किया है। इसी वर्ष अप्रैल में केरल विधानसभा चुनाव में श्रीधरन पलक्कड़ सीट से भाजपा उम्मीदवार थे और उन्हें भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में भी पेश किया गया था। लेकिन भाजपा केरल में अपनी एकमात्र सीट भी हार गई थी।
समाज सेवा से जुड़ी गतिविधियों में अपना योगदान देंगे
89 वर्षीय श्रीधरन ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह अब सक्रिय राजनीति में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह राजनीति से बाहर रहकर समाज सेवा से जुड़ी गतिविधियों में अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि वह एक नौकरशाह के रूप में ही राजनीति में आए थे। चूंकि वह अधिक उम्र में राजनीति में शामिल हुए थे, लिहाजा उनके लिए अब सक्रिय राजनीति में रहना आदर्श नहीं है।
श्रीधरन ने कहा, ‘मैं कभी राजनेता नहीं था। हालांकि राजनीति में सक्रिय नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि मैं राजनीति को पीछे छोड़ रहा हूं। अब मैं 90 वर्ष का हूं। राजनीति में आगे बढ़ना खतरनाक है। मेरा अब राजनीति को लेकर कोई सपना नहीं है। मुझे अपनी धरती की सेवा के लिए राजनीति की जरूरत नहीं है। मैं पहले से ही तीन ट्रस्टों के माध्यम से ऐसा करता आ रहा हूं।’
इसी वर्ष फरवरी में भाजपा में शामिल हुए थे
गौरतलब है कि श्रीधरन इसी वर्ष फरवरी में भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने इसकी घोषणा की थी और बाद में उन्हें राज्य चुनावों में उम्मीदवार बनाया गया। वह हाल ही में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य भी थे।
पलक्कड़ सीट पर श्रीधरन ने कांग्रेस के मौजूदा विधायक शफी परम्बील को कांटे की टक्कर दी थी और मतगणना के आखिरी दौर तक आगे रहे थे। यही कारण है कि वर्ष 2016 में 17,400 वोटों से जीत दर्ज करने वाले परम्बील का इस बार जीत का अंतर सिर्फ 3,850 रह गया था।