लखनऊ, 24 अगस्त। कई वर्षों की आंतरिक कलह के बाद आखिरकार अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) में भारतीय शतरंज संघ (सीएफआई) का विलय हो गया। अब देश में शतरंज को एक ही इकाई एआईसीएफ आगे बढ़ाएगी। एआईसीएफ के हालिया निर्वाचित अध्यक्ष डा. संजय कपूर ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
एआईसीएफ अध्यक्ष डॉ. कपूर ने कहा कि सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर नहीं बल्कि विभिन्न राज्यों के सभी गुट भी एक साथ आ गए हैं और वे सब एआईसीएफ की छत्रछाया में काम करने को राजी हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने व्यक्तिगत रूप से सभी हितधारकों के साथ कई दौर की बातचीत की है और देश में शतरंज और उसके सभी खिलाडिय़ों के विकास के लिए उन्हें एक मंच पर लाने में कामयाबी मिली।’
एआईसीएफ के सचिव भरत सिंह चौहान ने कहा, ‘अन्य महासंघों की तरह हम भी कोविड महामारी के कारण अपने वर्षिक आयोजनों और चैंपियनशिप के आयोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अपने आंतरिक मतभेदों से खेल को और अधिक प्रभावित नहीं होने दे सकते। अब सब जान गए हैं कि भारतीय शतरंज में वर्षों से जारी अंतरकलह को मिटा दिया गया है। कई शक्तिशाली लोग अपने स्वयं के एजेंडे साबित करने में लगे हुए थे, जिससे शतरंज को काफी नुकसान भी उठाना पड़ा। जब नए निकाय का गठन किया तो हमारा पहला लक्ष्य प्रत्येक सदस्य की सभी चिंताओं को दूर करना और खेल के लिए सभी को एक साथ लाना था।’
प्रेसवार्ता में उत्तर प्रदेश शतरंज संघ के अध्यक्ष पीसी चतुर्वेदी (सेवानिवृत्त आईएएस), भारतीय शतरंज संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एसएल हर्ष, भारतीय शतरंज संघ के महासचिव एवं उत्तर प्रदेश शतरंज संघ के सचिव एसके तिवारी भी उपस्थित थे।