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यूपी के एक और सपा विधायक की सदस्यता खत्म, कानपुर आगजनी मामले में इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा

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लखनऊ, 7 जून। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के एक और विधायक की सदस्यता चली गई, जब कानपुर के जाजमऊ इलाके में आगजनी के एक मामले में दोषी पाए जाने के बाद कानपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने शुक्रवार को इरफान सोलंकी को सात साल कैद की सजा सुना दी।

इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और तीन अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और इन सभी को सजा सुनाई गई है। सपा नेता पर नवम्बर, 2022 में जाजमऊ में एक विधवा के घर में आग लगाने का आरोप है।

इस सजा के कारण इरफान सोलंकी की विधानसभा की सदस्यता स्वत: समाप्त हो गई है। विधानसभा सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कानून कोर्ट का निर्णय आने पर विधायक की सदस्यता स्वत: खत्म हो जाने का प्रावधान है।

यूपी विधानसभा सचिवालय अब जल्द ही इरफान सोलंकी की कानपुर नगर की सीसामऊ विधानसभा सीट को रिक्त घोषित करेगी और फिर वहां उपचुनाव कराया जाएगा। डीएम जब मुख्य सचिव के जरिए यूपी विधानसभा को सूचित करेंगे, तब विधानसभा सचिवालय सीट रिक्त घोषित करने की अधिसूचना जारी करेगा। इरफान छह वर्षों तक चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे। जाजमऊ थाने में मामला दर्ज

इससे पहले गत एक जून को इस मामले की सुनवाई हुई थी। मामला कानपुर के जाजमऊ थाने में दर्ज है। सपा नेता सोलंकी को यूपी के महाराजगंज जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया जबकि इस आगजनी मामले में आरोपित इरफान सोलंकी के छोटे भाई रिजवान सोलंकी, इसराइल आटे वाला, शौकत अली और शरीफ कोर्ट में मौजूद थे। कोर्ट ने तीन जून को इन सभी लोगों को दोषी पाया था।

क्या है मामला?

नजीर फातिमा ने आठ नवम्बर, 2022 को जाजमऊ थाने में इरफान सोलंकी, रिजवान सोलंकी और तीन अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 436, 506, 504, 147, 427, 386 और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी और आरोप लगाया था कि इरफान सोलंकी और उसके भाई रिजवान सोलंकी और अन्य ने साजिश के तहत उसके घर में आग लगा दी ताकि वे उसकी जमीन पर कब्जा कर सकें। गौरतलब है कि सोलंकी यूपी की महाराजगंज जेल में बंद है और उसका भाई कानपुर जेल में बंद है।

अन्य कई विधायकों व सांसदों की सदस्यता भी जा चुकी है

इससे पहले सपा विधायक मो. आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां की सदस्यता चली गई थी। अन्यान्य मामलों में दोषी पाए गए कुछ अन्य विधायक भी अपनी सदस्यता खो चुके हैं, जिनमें विक्रम सैनी, अशोक चंदेल, कुलदीप सेंगर, इंद्र प्रताप तिवारी व रामदुलार गोंड़ (सभी भाजपा) शामिल हैं। वहीं कांग्रेस सांसद रशीद मसूद और सपा सांसद मित्रसेन यादव को अपनी सदस्यता खोनी पड़ी थी।