Site icon hindi.revoi.in

महबूबा मुफ्ती ने कहा – अदालत के फैसले से दंगा भड़केगा और एक सांप्रदायिक माहौल पैदा होगा, जो भाजपा का एजेंडा है

Social Share

जम्मू, 13 सितम्बर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी जिला अदालत के फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि अदालतों ने फैसला सुनाया था कि 1947 में धार्मिक स्थलों की यथास्थिति बनाए रखी जाए। लेकिन भाजपा बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई को खत्म करने में नाकाम रही है, इसलिए वह लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है।

बेरोजगारी, गरीबी व महंगाई खत्म करने में नाकाम भाजपा लोगों का ध्यान भटका रही 

जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा ने यह भी कहा कि कोर्ट का फैसला भाजपा के इस आख्यान का समर्थन करता है। यही नहीं, इससे पहले पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘पूजा स्थल अधिनियम के बावजूद ज्ञानवापी पर अदालत के फैसले से दंगा भड़केगा और एक सांप्रदायिक माहौल पैदा होगा, जो भाजपा का एजेंडा है। यह एक खेदजनक स्थिति है कि अदालतें अपने स्वयं के फैसलों का पालन नहीं करती हैं।’

गौरतलब है कि वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मामले की विचारणीयता पर सवाल उठाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए फैसला सुनाया कि वह देवी-देवताओं की दैनिक पूजा के अधिकार के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी, जिनके विग्रह ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं।

वाराणसी कोर्ट ने खारिज की मुस्लिम पक्ष की अपील, कहा – श्रृंगार गौरी केस सुनने लायक

हाई कोर्ट में काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुनवाई 28 सितम्बर को

जिला न्यायाधीश डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मामले की विचारणीयता पर सवाल उठाया गया था। मुस्लिम पक्ष ने अदालत के इस फैसले को उच्‍च न्‍यायालय में चुनौती देने की घोषणा की है। इसके साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। वहीं, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सोमवार को अगली सुनवाई की तारीख 28 सितम्बर 2022 निर्धारित की है।

Exit mobile version