शिलांग, 11 अप्रैल। भारत निर्वाचन आयोग ने मेघालय की ‘वॉयस ऑफ पीपुल्स पार्टी’ को उसके समर्थकों द्वारा आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन पर ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया है। पार्टी के समर्थकों पर सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की रैलियों के दौरान नारेबाजी कर उनके चुनाव अभियान को बाधित करने का आरोप है।
शिलांग लोकसभा सीट के निर्वाचन अधिकारी एससी साधु ने वीपीपी के प्रमुख आर्डेंट बसियावमोइत को एक और नोटिस जारी किया है। दरअसल, एनपीपी के उम्मीदवार अम्पारीन लिंगदोह के चुनाव एजेंट ने विपक्षी दल पर सोशल मीडिया का उपयोग कर उनके खिलाफ “फर्जी खबरें फैलाने” का आरोप लगाया है।
बसियावमोइत को 12 अप्रैल तक जवाब देने के लिए कहा गया है। नोटिस में उनसे पूछा गया है कि आदर्श आचार संहिता के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत उनकी पार्टी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। निर्वाचन अधिकारी को दी गई शिकायत में एनपीपी ने वीपीपी के समर्थकों पर सोमवार को री-भोई जिले में पार्टी की चुनावी रैली में बाधा डालने का आरोप लगाया था।
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि जब पूर्व विधायक और एनपीपी के राज्य कार्यकारी अध्यक्ष हैमलेटसन डोहलिंग वहां एक सभा को संबोधित कर रहे थे तो उस दौरान वीपीपी के समर्थकों ने नारेबाजी की। दोनों दलों के समर्थकों के बीच विवाद हो गया और एनपीपी के उम्मीदवार के भाषण से पहले ही सभा रोक दी गई।
इस बीच, री-भोई जिले के उम्स्निंग में एनपीपी नेता मैग्डलीन एस मावलोंग के आवास पर बुधवार को पथराव किया गया। एक अधिकारी ने बताया कि सूचना मिलने के बाद पुलिसकर्मियों की एक टीम मावलोंग के घर पहुंची और वहां जमीन पर पत्थर और टूटे हुए शीशे मिले। मैग्डलीन एस मावलोंग खासी हिल्स स्वायत्त जिला परिषद के निर्वाचित सदस्य भी हैं। उन्होंने बताया कि उमियाम पुलिस थाने में मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।