भोपाल, 6 अक्टूबर। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुजरात एटीएस और एनसीबी की संयुक्त टीम ने बड़ी करते हुए प्रतिबंधित ड्रग एमडीएमए बनाने के कारखाने का भंडाफोड़ किया है और सूत्रों की मानें तो फैक्ट्री से 1814 करोड़ की एमडी और उसे बनाने वाला सामान बरामद किया गया।
गुजरात एटीएस, दिल्ली एटीएस और दिल्ली एनसीबी ने भोपाल के पास इंडस्ट्रियल एरिया बागरोदा पठार में प्लॉट नंबर- 63 कटारा हिल्स स्थित निजी फैक्ट्री में छापा मारा। इस पूरी काररवाई में राजधानी भोपाल की पुलिस को दूर रखा गया। 24 घंटे से राजधानी में दिल्ली एटीएस, एनसीबी और गुजरात एटीएस की टीमें मौजूद है।
907.09 किलोग्राम मेफेड्रोन ड्रग्स जब्त
सर्वाधिक चौंकाने वाली बात यह रही कि मध्य प्रदेश सरकार की नाक के नीचे करोड़ रुपये कीमत का एमडीएमए बनाने का कारखाना संचालित हो रहा था। बंद पड़ी फैक्ट्री में अरबों रुपये की कीमत के प्रतिबंधित ड्रग बनाने का कारखाना चल रहा था। गुजरात पुलिस ने यहां से 907.09 किलोग्राम मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स जब्त किया है। इसके अलावा छापेमारी के दौरान मेफेड्रोन (एमडी) बनाने में इस्तेमाल होने वाला लगभग 5000 किलोग्राम कच्चा माल और कई उपकरण भी मिले। मौके से ग्राइंडर, मोटर, ग्लास फ्लास्क और हीटर भी मिला है। फिलहाल इन सभी को आगे की जांच के लिए जब्त कर लिया गया है।
छापेमारी के दौरान पकड़े गए दो शातिर अपराधी
पुलिस ने छापेमारी की इस काररवाई के दौरान प्रतिबंधित ड्रग बनाने वाले दो शातिर अपराधियों – भोपाल निवासी अमित प्रकाशचंद्र चतुर्वेदी (57 वर्ष) व नासिक निवासी सान्याल प्रकाश बाने (40 उम्र) को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार सान्याल प्रकाश बाने हाल ही में ऑर्थर रोड जेल से ड्रग्स के मामले में ही छूटा था। सान्याल 2017 में एमडीएमए मामले में ही पकड़ा गया था। पांच साल तक सजा काटने के बाद उसने अमित चतुर्वेदी के साथ टीम बनाकर प्रतिबंधित ड्रग बनाने का कारखाना शुरू किया।
सान्याल प्रकाश इस पूरे कारखाने और फैक्ट्री का मास्टरमाइंड है। उसी के जरिए बना हुआ ड्रग देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जा रहा था। छह से सात महीने पहले इन दोनों ने बागरोदा में यह फैक्ट्री किराए पर ली और प्रतिबंधित ड्रग बनाने का कारखाना शुरू किया। यह अब तक का गुजरात एटीएस का सबसे बड़ा ऑपरेशन है।