Site icon hindi.revoi.in

यूक्रेन से लौटे एमबीबीएस छात्रों को बड़ी राहत – फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में हो सकेंगे शामिल

Social Share

नई दिल्ली, 29 जुलाई। पहले कोरोना संक्रमण और फिर रूस-यूक्रेन जंग की वजह से पढ़ाई बीच में छोड़कर यूक्रेन से लौटे अंडर ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) और केंद्र सरकार ने अब बड़ी राहत दी है। इसके तहत ऐसे छात्र, जिनका कोर्स या ग्रेजुएशन 30 जून या उसके पहले पूरा हो रहा था, वे अब फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम (एफएमजी) में शामिल हो सकेंगे।

CRMI में हिस्सा लेने के बाद ऐसे छात्र अपनी क्लीनिकल ट्रेनिंग कर सकेंगे

हालांकि इन छात्रों को दो वर्षों के कम्पल्सरी रोटेटिंग मेडिकल यानी CRMI में हिस्सा लेना होगा। इसके बाद ही वे अपनी क्लीनिकल ट्रेनिंग कर सकेंगे। इसका कारण यह है कि कोरोना और रूस-यूक्रेन जंग के चलते वे अपना यह कोर्स फॉरेन इंस्टीट्यूट में पूरा नहीं कर सके हैं।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने बीते मंगलवार को राज्यसभा में कहा था कि भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम-1956 और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम-2019 के तहत विदेश में पढ़ाई करने वाले किसी मेडिकल छात्र को फिलहाल देश के कॉलेजों में एडजस्ट नहीं किया जा सकता। इसलिए, यूक्रेन से लौटे किसी भी भारतीय छात्र को देश के शिक्षण संस्थानों में पढ़ने की अब तक कोई भी अनुमति नहीं दी गई है।

कीव में भारतीय दूतावास अपने छात्रों की हरसंभव मदद कर रहा

भारतीय पवार ने यह भी बताया था कि विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कीव में भारतीय दूतावास ने छात्रों को आसानी से प्रतिलेख और अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए यूक्रेन में सभी संबंधित विश्वविद्यालयों के साथ भी जरूरी संपर्क किया है। वहीं उनका कहना था कि केंद्र सरकार ऐसे सभी छात्रों की हरसंभव सहायता के लिए हमेशा से ही प्रतिबद्ध रही है।

Exit mobile version