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एक और फ्लाइट से आया मेडे कॉल, इंडिगो विमान की बेंगलुरु में इमरजेंसी लैंडिंग

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नई दिल्ली, 21 जून। अहमदाबाद में गत 12 जून के एअर इंडिया विमान हादसे के बाद एक और फ्लाइट के पायलट ने मेडे (MAYDAY) कॉल किया। यह कॉल इंडिगो की गुवाहाटी से चेन्नई जा रही फ्लाइट के पायलट ने किया था। इसके बाद प्लेन की बेंगलुरु में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। यह घटना 19 जून की बताई गई है, हालांकि इसकी जानकारी शनिवार को सामने आई है। इंडिगो की उस उड़ान में 168 यात्री सवार थे।

बताया जाता है कि इंडिगो प्लेन के पायलट ने फ्यूल की काफी कमी देखी थी, इसके बाद उसने एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) को मेडे यानी इमरजेंसी कॉल की थी। इसके बाद पायलट ने फिर चेन्नई में लैंडिंग का प्रयास नहीं करने का फैसला किया और उड़ान को लैंडिंग के लिए बेंगलुरु की ओर मोड़ दिया गया।

DGCA ने शुरू की मामले की जांच, दोनों पायलट हटाए गए

फिलहाल नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने मामले की जांच शुरू कर दी है। आगे की जांच तक उड़ान में शामिल दोनों पायलटों को हटा दिया गया है। हालांकि इंडिगो ने पायलट की काररवाई या ईंधन की स्थिति पर आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन एयरलाइन के सूत्रों ने पुष्टि की है कि सभी 168 यात्रियों को सुरक्षित रूप से विमान से उतार लिया गया।

उल्लेखनीय है कि यह आपात स्थिति एअर इंडिया बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर से जुड़ी एक दुखद घटना के ठीक एक सप्ताह बाद आई है। 12 जून को वह विमान लंदन के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद अहमदाबाद में बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल सहित आवासीय भवनों से टकरा गया था, जिसमें विमान में सवार 241 लोग मारे गए थे, जबकि एक यात्री ही जिंदा बचा था। उनके अलावा दुर्घटनाग्रस्त विमान की चपेट में आए अन्य 29 लोग मारे गए थे।

वहीं शुक्रवार को चेन्नई से मदुरै जाने वाली इंडिगो की एक और उड़ान में तकनीकी खराबी आ गई थी। इसमें 70 यात्रियों को लेकर उड़ान चेन्नई लौटी और सुरक्षित रूप से उतरी। विमानन सुरक्षा विशेषज्ञों ने आपातकालीन लैंडिंग और तकनीकी खराबी से जुड़ी लगातार घटनाओं के मद्देनजर परिचालन निरीक्षण, विमान की तैयारी और ईंधन प्रबंधन के बारे में चिंता जताई है।

हालांकि हाल ही में इंडिगो में हुई घटनाओं में किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन संकट की स्थिति में कॉल आने की बढ़ती आवृत्ति ने कड़ी जांच और बेहतर कॉकपिट निर्णय लेने के प्रोटोकॉल की मांग को बढ़ावा दिया है। दूसरी तरफ डीजीसीए ने अब तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि दोनों घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए गहन जांच की जाएगी।

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