लखनऊ, 28 जून। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (RJD) सरकार और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर संविधान में अनावश्यक बदलाव करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि संविधान के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ होने पर उनकी पार्टी चुप नहीं बैठेगी।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने बीते दिनों संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को हटाने की वकालत की थी। इस बाबत पूछे गए सवाल पर मायावती ने शनिवार को कहा, ‘इस संबंध में मैंने कहा है कि संविधान की प्रस्तावना में जो कुछ भी लिखा या दर्शाया गया है, उसकी मूल भावना और उद्देश्य के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।’
बसपा प्रमुख ने यहां संवाददाताओं से बातचीच में चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के लोग क्या कहते हैं, भाजपा वाले क्या कहते हैं, कांग्रेस वाले क्या कहते हैं, मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है। लेकिन अगर भारतीय संविधान के साथ, भारतीय संविधान के उद्देश्यों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ की गई तो हमारी पार्टी चुप नहीं बैठेगी। हमारी पार्टी निश्चित रूप से इसके विरोध में सड़कों पर उतरेगी। अभी हम सब इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं।’
कांग्रेस व भाजपा ने संविधान के प्रति कभी भी ईमानदारी व निष्ठा नहीं दिखाई
बहन जी ने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने अपने जीवनभर के अथक संघर्षों के अनुभवों के आधार पर भारत को हर दृष्टि से अत्यंत मानवीय संविधान दिया। उन्होंने कहा, ‘लेकिन कांग्रेस पार्टी जब केंद्र में सत्ता में थी और अब पिछले कुछ वर्षों से सत्ता पर काबिज भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार के लोगों ने संविधान को करोड़ों देशवासियों के हित में कभी भी पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ लागू नहीं किया। इन दोनों दलों और उनके समर्थकों ने अपनी पार्टी की विचारधारा और राजनीतिक हितों के अनुरूप समय-समय पर संविधान में कई अनावश्यक परिवर्तन किए हैं।’
मायावती ने कहा, ‘इन दलों को अपनी संकीर्ण सोच और राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर आम लोगों और देश के हित में संविधान और उसके मानवीय उद्देश्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए ताकि हमारे संविधान की पवित्रता हमेशा बरकरार रहे। संविधान और उसकी प्रस्तावना में प्रयुक्त शब्द देश की आत्मा को संतुष्ट करते हैं तथा बहुत सोच-विचार के बाद ही इन्हें देश में लागू किया गया है। अब इनके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ उचित नहीं है, बल्कि यह अत्यंत अनुचित होगा। यही बसपा की इन पार्टियों को सलाह भी है।’ उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि संविधान के मामले में देश को बार-बार ऐसी अप्रिय स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
पश्चिम बंगाल की स्थिति का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा, ‘बंगाल समेत पूरे देश में कहीं भी हमारी महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। यह भी बहुत चिंता का विषय है। केंद्र और सभी राज्य सरकारों को इस मामले पर जरूर ध्यान देना चाहिए।’
बसपा प्रमुख ने कहा कि मतदाता सूची में सुधार के बारे में कही जा रही विभिन्न भ्रामक बातों पर भारत निर्वाचन आयोग को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेकर यह कार्य पूरा किया जाना चाहिए, ताकि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पूरा हो सके।

