लखनऊ, 23 जुलाई। राजस्थान शहरी और ग्रामीण इलाकों में साल में 125 दिन रोजगार के अलावा बुजुर्गों और दिव्यांगों को हर महीने न्यूनतम एक हजार रुपये की पेंशन की गारंटी देने वाला विधेयक शुक्रवार को विधानसभा में पारित किया गया। इस न्यूनतम आय गारंटी योजना को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती की प्रतिक्रिया आई है। मायावती ने इसे राजनीतिक स्वार्थ के तहत लिया गया फैसला करार दिया है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य की जनता को तुरंत राहत मिलना मुश्किल है।
न्यूनतम आय गारंटी योजना की घोषणा पर बसपा प्रमुख मायावती ने राजस्थान सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा विधानसभा आम चुनाव से ठीक पहले न्यूनतम आय गारंटी योजना की घोषणा करना जनहित का कम राजनीतिक स्वार्थ का फैसला ज्यादा है। इससे गरीब जनता को तुरंत राहत मिलना मुश्किल है। फिर भी केवल प्रचार पर सरकारी धन का भारी खर्च करना क्या उचित है।
मायावती ने कहा कि वैसे तो गहलोत सरकार अपने पूरे कार्यकाल में कुंभकरण की नींद सोती रही। आपसी राजनीतिक उठापटक में ही उलझी रही वरना जनहित में जन कल्याण से जुड़े अनेक कार्य प्रदेश की जनता की गरीबी, बेरोजगारी, उनका पिछड़ापन और तंगी के हालात के कारण सरकार को काफी पहले ही शुरू कर देना जरूरी था। बता दें कि राजस्थान में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा की सरकार आने का रिवाज रहा है।