लखनऊ, 21 नवंबर। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने पंजाब में दलित मुख्यमंत्री और राजस्थान में दलितों को मंत्री बनाए जाने को कांग्रेस का छल बताते हुए इसे राजनीतिक स्वार्थ का प्रतीक बताया है।
मायावती ने रविवार को राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में शामिल किए गए मंत्रियों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘कांग्रेस द्वारा पार्टी के गिरते जनाधार को रोकने व राजनीतिक स्वार्थ हेतु पंजाब में विधानसभा आमचुनाव से ठीक पहले दलित को सीएम बनाना तथा अब राजस्थान में कुछ एससी/एसटी मंत्री बनाकर उसको भाजपा द्वारा केन्द्रीय मंत्रिमण्डल विस्तार की तरह इनके हितैषी होने का ढिंढोरा पीटना शुद्ध छलावा है।’
2. ख़ासकर कांग्रेस पार्टी ने इनके मसीहा व संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को आदर-सम्मान देना व भारतरत्न से सम्मानित करना तो दूर बल्कि हमेशा उनकी उपेक्षा व तिरस्कार किया है, तो फिर इन जैसी जातिवादी पार्टियाँ एससी/एसटी व ओबीसी की सच्ची हितैषी कभी कैसे हो सकती हैं?
— Mayawati (@Mayawati) November 21, 2021
बसपा प्रमुख ने इसके साथ ही कहा कि अगर आंबेडकर काबिल न होते तो नेहरू संविधान नहीं बनवाते। इससे पहले पंजाब में दलित सीएम बनाए जाने पर भी मायावती ने हमला किया था। उन्होंने कहा था कि ‘चरणजीत सिंह चन्नी को कुछ वक्त के लिए पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया जाना कांग्रेस का चुनावी हथकंडा है। आगामी पंजाब चुनाव इनके नेतृत्व में नहीं, बल्कि गैर दलित के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। इससे साफ होता है कि कांग्रेस का दलितों पर अब तक भरोसा नहीं हुआ है’।
मायावती ने यह भी कहा कि पंजाब में कांग्रेस ने साजिश की है। कांग्रेस पंजाब में हमारे गठबंधन से परेशान है। इन्हें मजबूरी में ही दलितों की याद आती है। कांग्रेस या जवाहर लाल नेहरू के पास डॉक्टर आंबेडकर से कोई काबिल होता, तो ये उन्हें संविधान बनाने में शामिल नहीं करते। और दलितों को कानूनी अधिकार नहीं मिलते। मुस्लिम सुरक्षित नहीं होते।