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मायावती का राहुल गांधी पर पलटवार – कांग्रेस से गठबंधन करने पर बसपा को सदैव नुकसान उठाना पड़ा

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लखनऊ, 20 फरवरी। रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा बहुजन समाज पार्टी (BSP) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की “बी टीम” कहे जाने और उन पर भाजपा को सत्ता में बनाए रखने का आरोप लगाने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने करारा पलटवार किया है। X पर अपने सिलसिलेवार पोस्ट में मायावती ने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से बसपा को सदैव नुकसान उठाना पड़ा है।

मायावती ने X पोस्ट में कहा, “कांग्रेस पार्टी जिन राज्यों में मजबूत है या जहां उनकी सरकारें हैं, वहां बीएसपी और उसके अनुयायियों के साथ द्वेषपूर्ण एवं जातिवादी रवैया अपनाया जाता है। लेकिन यूपी जैसे राज्यों में, जहां कांग्रेस कमजोर है, वहां वे बीएसपी से गठबंधन की बातें कर हमें गुमराह करने की कोशिश करते हैं। यह कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं तो और क्या है?”

बसपा प्रमुख ने आगे लिखा, “जब भी बसपा ने यूपी और अन्य राज्यों में कांग्रेस जैसी जातिवादी पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा है, तब हमारा मूल वोट उन्हें ट्रांसफर हुआ, लेकिन वे पार्टियां अपना बेस वोट हमें ट्रांसफर नहीं कर पाईं। ऐसे में बीएसपी को हमेशा नुकसान उठाना पड़ा है।”

मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर एक साथ हमला बोलते हुए कहा, “वैसे भी कांग्रेस और भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा हमेशा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, उनकी अनुयायी बीएसपी, उसके नेतृत्व, दलित-बहुजन समाज और आरक्षण नीति के घोर विरोध में रहा है। यह देश को संविधान के समतामूलक और कल्याणकारी उद्देश्य से दूर करने वाला चिंताजनक विषय है।”

रायबरेली पहुंचे राहुल ने बसपा को भाजपा की ‘बी टीम’ कहा था

इसके पूर्व दिन में अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में दलित छात्रों के साथ संवाद करते हुए राहुल गांधी ने मायावती पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था, “बहनजी (मायावती) ने आज तक कोई चुनाव मजबूती से क्यों नहीं लड़ा? हम चाहते थे कि वे भाजपा के खिलाफ हमारे साथ मिलकर चुनाव लड़ें। अगर कांग्रेस, सपा और बीएसपी एक साथ आते, तो बीजेपी को हराना नामुमकिन नहीं होता।”

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मायावती विपक्ष को मजबूत करने के बजाय अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी की ‘बी टीम’ के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, “डॉ. अंबेडकर के पास पर्याप्त संसाधन नहीं थे, फिर भी उन्होंने पूरे राजनीतिक और सामाजिक तंत्र को हिला दिया था।” उन्होंने भारत की शीर्ष 500 कम्पनियों का उदाहरण देते हुए छात्रों से पूछा कि उनमें से कितनी कम्पनियों के प्रमुख दलित समुदाय से आते हैं।

‘यदि इस देश में दलित नहीं होते, तो हमें संविधान भी नहीं मिलता’

कांग्रेस सांसद ने यह भी दावा किया कि देश की व्यवस्था दलितों के खिलाफ काम करती है और उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए लगातार बाधाएं खड़ी की जाती हैं। उन्होंने कहा, “यह व्यवस्था आपको हर दिन चुनौती देती है और अधिकतर बार आपको इस बात का एहसास भी नहीं होता कि यह आपके खिलाफ कैसे काम कर रही है। हमें यह समझने की जरूरत है कि संविधान की विचारधारा ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। मैं पूरी गारंटी के साथ कह सकता हूं कि यदि इस देश में दलित नहीं होते, तो हमें संविधान भी नहीं मिलता।”

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