लखनऊ, 10 सितम्बर। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं। इसी बीच उन्होंने आरक्षण को लेकर एक बयान दिया। राहुल गांधी के बयान के बाद मायावती ने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर निशाना साधा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया है। अपनी पोस्ट में मायावती ने लिखा, ‘केन्द्र में काफी लम्बे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और देश में जातीय जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी।’
- आरक्षण खत्म करने का षडयंत्र
मायावती ने आगे लिखा, ‘अब कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा राहुल गांधी के इस नाटक से भी सर्तक रहें, जिसमें उन्होंने विदेश में यह कहा है कि भारत जब बेहतर स्थिति में होगा तो हम SC, ST, OBC का आरक्षण खत्म कर देंगे। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस वर्षों से इनके आरक्षण को खत्म करने के षडयंत्र में लगी है। इन वर्गों के लोग कांग्रेसी नेता राहुल गांधी के दिए गए इस घातक बयान से सावधान रहें, क्योंकि यह पार्टी केन्द्र की सत्ता में आते ही, अपने इस बयान की आड़ में इनका आरक्षण जरूर खत्म कर देगी। ये लोग संविधान व आरक्षण बचाने का नाटक करने वाली इस पार्टी से जरूर सजग रहें।’
- शुरू से ही आरक्षण विरोधी सोच
मायावती ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘जबकि सच्चाई में कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण-विरोधी सोच की रही है। केन्द्र में रही इनकी सरकार में जब इनका आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया गया तब इस पार्टी से इनको इन्साफ ना मिलने की वजह से ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। लोग सावधन रहें। कुल मिलाकर, जब तक देश में जातिवाद जड़ से खत्म नहीं हो जाता है तब तक भारत की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर होने के बावजूद भी इन वर्गों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत बेहतर होने वाली नहीं है। अतः जातिवाद के समूल नष्ट होने तक आरक्षण की सही संवैधानिक व्यवस्था जारी रहना जरूरी।’
- अमेरिका में राहुल गांधी का बयान
बता दें कि कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं। यहां जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों ने उनसे आरक्षण को लेकर सवाल किया था और पूछा था कि यह कब तक जारी रहेगा? इस पर राहुल गांधई ने कहा, ‘‘जब भारत में (आरक्षण के लिहाज से) निष्पक्षता होगी, तब हम आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेंगे। अभी भारत इसके लिए एक निष्पक्ष जगह नहीं है।’’